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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया यानी AMFI ने हाल में लिस्ट हुई स्टार्ट-अप कंपनियों नायका ( Nykaa) पॉलिसीबाजार (Policy Bazaar) और जोमैटो (Zomato) को लार्ज कैप कैटेगरी में डाल सकता है. AMFI साल में दो बार कंपनियों की कैटेगरी में बदलाव करता है. ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म Edelweiss का मानना है कि आईआरसीटीसी (IRCTC) , माइंड ट्री ( MindTree) टाटा पावर (Tata Power) और चार अन्य कंपनियां लार्ज कैप कैटेगरी में जगह बना सकती हैं, जबकि यस बैंक (Yes Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), ल्युपिन ( Lupin) और सात दूसरे शेयर डाउनग्रेड होकर मिडकैप कैटेगरी में जा सकते हैं. AMFI हर छमाही में लार्ज, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की एक लिस्ट जारी करता है. इसकी काफी अहमियत है क्योंकि म्यूचुअल फंड मैनेजर्स अपने पोर्टफोलियो को री-बैलेंस करने के लिए इसे फॉलो करते हैं.
मिड कैप से लार्ज कैप कैटेगरी में जाने वाली संभावित कंपनियां
MindTree – current market cap Rs 81,761 crore
SRF Ltd – current market cap Rs 64,914 crore
Mphasis – current market cap Rs 64,637 crore
IRCTC – current market cap Rs 73,380 crore
Godrej Properties – current market cap Rs 64,529 crore
Tata Power – current market cap Rs 78,573 crore
PI Industries – current market cap Rs 44,113 crore
Zomato – current market cap Rs 1.25 lakh crore
Nykaa – current market cap Rs 1.07 lakh crore
PB Fintech (Policybazaar) – current market cap Rs 61,309 crore
लार्ज कैप से मिड कैप में जाने वाली संभावित कंपनियां
Yes Bank – current market cap Rs 32,872 crore
Honeywell Automation – current market cap Rs 37,544 crore
Bank Of Baroda – current market cap Rs 51,118 crore
Biocon – current market cap Rs 43,833 crore
Punjab National Bank – current market cap Rs 45,640 crore
Procter & Gamble Hygiene – current market cap Rs 8,532 crore
Colgate-Palmolive – current market cap Rs 41,283 crore
Cholamandalam Investment and Finance – current market cap Rs 13,142 crore
Lupin Ltd – current market cap Rs 42,508 crore
NMDC – current market cap Rs 41,189 crore
स्मॉल कैप से मिड कैप कैटेगरी में जाने वाली संभावित कंपनियां
Happiest Minds Technologies
National Aluminum
KIOCL
Prestige Estates Projects
भले ही इन शेयरों की कैटेगरी बदली जाए लेकिन जरूरी नहीं है कि इससे तुरंत इनमें फंड फ्लो बढ़ जाएगा. लेकिन कैटेगरी बदलने से शेयरों को फायदा हो जाता है. हालांकि Edelweiss का कहना है कि री-कैटेगराइजेशन से फायदा हो सकता है लेकिन जरूरी नहीं कि इसमें तुरंत फंड फ्लो बढ़ जाए. कोई स्टॉक स्मॉल से मिडकैप सेगमेंट में चला जाता है तो उसकी विजिबलटी बढ़ जाती है. यह फंड मैनेजरों की नजर में जल्दी आ सकता है.