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बायजू रामचंद्रन (Image- Forbes)
एक टीचर की कमाई अरबों में भी हो सकती है और ऐसा सिर्फ कल्पनाओं में ही नहीं, बल्कि वास्तविकता में भी संभव है. ऐसे ही एक टीचर हैं, बायूज रवींद्रन. बायजू रवींद्रन एक स्कूल टीचर के घर पैदा हुए और आज 22253 करोड़ के मालिक हैं. फार्च्यून पत्रिका नें उन्हे ग्लोबल 40-अंडर-40 टैक्नोलॉजी लिस्ट में रखा है. इस सूची में मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी और बेटा आकाश अंबानी भी शामिल हैं. इसके अलावा फोर्ब्स की सूची में वह सबसे अमीर भारतियों की सूची में 46वें स्थान पर हैं.
आइटी जॉब छोड़कर शुरू किया अपना स्टार्टअप
बायजू रामचंद्रन (Byju Ramchandran) का जन्म केरल के एक गांव आझिकोड में हुआ था. उन्होंने मलयालम माध्यम के स्कूल से पढ़ाई की थी, जहां उनके माता-पिता स्कूल टीचर थे. स्कूल की पढ़ाई पूरा होने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग पूरी की और विदेश में आइटी जॉब करने लगे. ऐसा नहीं है कि वह हमेशा किताबों से ही चिपके रहते थे. रामचंद्रन खेल में भी निपुण थे और उन्होंने यूनिवर्सिटी लेवल पर फुटल, क्रिकेट और बैडमिंटन समेत छह विभिन्न प्रकार के खेल खेले हैं. आइटी जॉब के दौरान छुट्टियों में अपने एक मित्र को उन्होंने बंगलौर में रहते हुए 2003 में कैट एग्जाम क्रैक करने में मदद की. उनके मित्र में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया और उन्होंने खुद कैट एग्जाम दिया जिसमें उनके 100 फीसदी परसेंटाइल आए. हालांकि वे अपने जॉब के लिए विदेश फिर चले गए लेकिन दो साल बाद भारत वापस आकर कुछ और लोगों की कैट एग्जाम निकालने में मदद की. सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने पर उन्होंने आइटी जॉब छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने 2007 में कैट प्रतियोगियों के लिए एक एजुकेशन टेक्नोलॉजी फर्म Byju’s Classes स्थापित की. इसकी शुरुआत कैट एग्जाम्स क्रैक करने के लिए हुई थी लेकिन अब यह 6-12 क्लास के बच्चों को गणित और विज्ञान के साथ-साथ अन्य एंट्रेस एग्जाम क्रैक करने में भी मार्गदर्शन करता है.
बच्चों को सिखाने के लिए एनीमेशन का सहारा
2015 में रवींद्रन ने ऑनलाइन लर्निंग ऐप बायजू लांच किया जिसके इस समय 6.4 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. इस ऐप के रिलीज होने के 2 महीने के भीतर ही इसके 20 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हो गए थे. वे सिर्फ सात साल में अरबपति बन चुके हैं. इस ऐप के जरिए वे बच्चों को मनोरंजक ढंग से सिखाने के लिए एनिमेशन का सहारा लेते हैं. इस ऐप में उन्होंने कार्टून कैरेक्टर का उपयोग किया है.
विजय शेखर वर्मा, पेटीएम
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अपनी साथ हो रही किसी समस्या को देखते हुए अन्य लोगों को उसी समस्या से निजात दिलाने की योजना से भी बड़ा कारोबार खड़ा किया जा सकता है. फुटकर पैसे की समस्या से हम सभी दो-चार होते रहते हैं, ऐसे ही समस्या से विजय शेखर वर्मा हुए जब उन्हें ऑफिस आते-जाते फुटकर पैसे की दिक्कत होने लगी तो उन्होंने ऐसा ऐप बनाने की सोची जिससे यह समस्या हल हो सके. उन्होंने पेटीएम बनाया और आज यह ऑनलाइन भुगतान का बड़ा माध्यम बन चुका है. विजय शेखर वर्मा के मुताबिक कभी उनके पास पेट भर खाने भर के पैसे नहीं होते थे और आज उनकी नेटवर्थ 16780 करोड़ से अधिक की है. फोर्ब्स के अमीर भारतियों की सूची में उन्हें 62वें स्थान पर रखा गया है.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के लोअर मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखने वाले विजय शेखर वर्मा की शिक्षा सरकारी हिंदी स्कूलों में हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग किया. इंजीनियरिंग के दौरान उन्हें अंग्रेजी में बहुत समस्या आती थी तो उन्होंने अंग्रेजी किताबों और दोस्तों की मदद से फर्राटा अंग्रेजी बोलना सीख लिया. इंजीनियरिंग के बाद विजय नौकरी करने लगे लेकिन उनका मन नौकरी में लग नहीं रहा था. उसी समय फुटकर पैसे की समस्या को देखते हुए उन्हें एक ऐप बनाने की सोची जिससे यह समस्या हल हो सके. 2005 में उन्होंने One97 Communications Ltd.कंपनी स्थापित की थी जो मोबाइल पर न्यूज, क्रिकेट स्कोर, रिंगटोन, चुटकुले और परीक्षाओं के परिणाम बताती थी. इसके बाद उन्होंने One97 Communications Ltd. के तहत पेटीएम वेबसाइट खोली और ऑनलाइन मोबाइल रिचार्ज की सुविधा शुरू की. पेटीएम का कारोबार बढ़ा तो उन्होंने इसमें ऑनलान वॉलेट, बिल पेमेंट, मनी ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग के फीचर जोड़ दिए. आज Paytm देश का सबसे बड़ा मोबाइल पेमेंट और ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बन चुका है.
नितिन कामथ- निखिल कामथ, पेटीएम
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नितिन कामथ और निखिल कामथ ने ने 20120 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री को पूरी तरह बदलने वाला एक विचार लेकर आया और इस कदर सफल हुए कि आज उनके द्वारा स्थापित कंपनी Zerodha ट्रेड वॉल्युम के मामले में देश का सबसे बड़ा स्टॉक ब्रोकरेज कंपनी बन चुकी है. फोर्ब्स के इस बार की 100 अमीर भारतीयों की सूची में नितिन कामथ और निखिल कामथ को 90वें स्थान पर रखा गया है. फोर्ब्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 11310 करोड़ रुपये है. फोर्ब्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक जेरोधा तीस लाख यूजर्स हैं और अब यह देश का सबसे बड़े रिटेल ब्रोकर्स में से एक है. जेरोधा का जीरो ब्रोकरेज के कांसेप्ट ने लोगों को अपने प्लेटफॉर्म की तरफ आकर्षित किया.
17 वर्ष की उम्र से शुरू कर दी थी ट्रेडिंग
नितिन कामथ ने 17 वर्ष की उम्र से ही ट्रेडिंग शुरू कर दिया था और उन्होंने अपने कामथ एंड एसोसिएट्स के जरिए अपने बड़े कारोबारियों और धनी लोगों के बिहाफ में ट्रेडिंग करना शुरू किया. 2009 के बाद दोनों भाइयों ने निर्णय लिया कि निखिल कामथ ट्रेडिंग जारी रखेंगे और नितिन कामथ एक ब्रोकरेज फर्म बनाएंगे. इस तरह जेरोधा की अवधारणा सामने आई. इस नाम के पीछे तर्क यह है कि यह जीरो और रोधा से मिलकर बना है. जोरी मतलब शून्य और रोधा मतलब बैरियर. इस तरह अगस्त 2010 में जेरोधा सामने आया. दोनों भाइयों ने मिलकर अपने क्लाइंट्स के लिए जीरो बैरियर ट्रेडिंग का कांसेप्ट पेश किया और आज यह बहुत बड़ा कारोबार बन चुका है.