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कंपनी के मुनाफे में आई गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण विंडफॉल टैक्स है. (फाइल फोटो)
ONGC Q2 result: दूसरी तिमाही में ओएनजीसी के मुनाफा 30% घटकर 12,826 करोड़ रुपये रह गया है, जो पिछले साल की इस अवधि में 18,347.73 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था. कंपनी के मुनाफे में आई गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण विंडफॉल टैक्स है. ओएनजीसी पब्लिक सेक्टर की प्रमुख तेल और गैस उत्पादक कंपनी है.
विंडफॉल टैक्स की वजह से घटा मुनाफा
ओएनजीसी की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक सितंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 12,825.99 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इस अवधि में 18,347.73 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था. वहीं जून तिमाही में कंपनी के मुनाफे में 15.6% की गिरावट दर्ज की गई थी. जून में कंपनी का मुनाफा 15,205.85 करोड़ रुपये रहा था.
विंडफॉल टैक्स के तौर पर 6,400 करोड़ रुपये का भुगतान
ओएनजीसी की निदेशक पोमिला जसपाल ने कहा कि बीती तिमाही में कंपनी ने विंडफॉल टैक्स के रूप में सरकार को 6,400 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि अगर ओएनजीसी को यह टैक्स नहीं देना पड़ता, तो सितंबर तिमाही में कंपनी को सबसे ज्यादा मुनाफा होता.
1 जुलाई से लागू है windfall profit tax
कंपनी के मुनाफे में आई गिरावट के पीछे घरेलू पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार द्वारा एक जुलाई से लगाया गया windfall profit tax है. विंडफॉल टैक्स की वजह से कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल एवं गैस के दाम में हुई बढ़ोतरी का उतना लाभ नहीं मिल पाया, जिसकी वजह से ओएनजीसी की आय में गिरावट रिकॉर्ड की गई.
उत्पादन 37.7% बढ़कर 95.49 डॉलर प्रति बैरल रहा
जुलाई-सितंबर में कंपनी का उत्पादन 37.7% बढ़कर 95.49 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जो एक साल पहले 69.36 डॉलर प्रति बैरल था. ओएनजीसी अंतरराष्ट्रीय मानक दर पर कच्चे तेल की बिक्री करती है जिसे तेल रिफाइनरी में शोधित कर पेट्रोल, डीजल एवं अन्य पेट्रोलियम उत्पाद बनाए जाते हैं.
वहीं कंपनी को प्राकृतिक गैस के लिए 6.10 डॉलर प्रति एमबीटीयू का भाव मिला जबकि एक साल पहले यह 1.79 डॉलर था. इसके साथ ही ओएनजीसी के निदेशक मंडल ने 135% के अंतरिम लाभांश देने की स्वीकृति दी है. इस तरह कुल 8,492 करोड़ रुपये अंतरिम लाभांश के तौर पर दिए जाएंगे, जिसमें से बड़ा हिस्सा सरकार के पास जाएगा.