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ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने वित्त वर्ष 2021-22 में 40,305 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट कमाया है.
ONGC: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने वित्त वर्ष 2021-22 में 40,305 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. कच्चे तेल के दाम में आई तेजी के चलते ONGC के मुनाफे में यह उछाल देखने को मिला है. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 31.5 प्रतिशत बढ़ा है. ONGC के मुताबिक, चौथी तिमाही में उसका स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 8,859.54 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की इसी अवधि में यह 6,733.97 करोड़ रुपये था. इसके साथ ही, अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद ONGC देश की दूसरी सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी बन गई है.
कच्चे तेल के महंगा होने से मुनाफे में उछाल
ONGC ने एक बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में उसका नेट प्रॉफिट 258 फीसदी के उछाल के साथ 40,305.74 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी को 11,246.44 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वित्त वर्ष के दौरान कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल के उत्पादन और बिक्री पर 76.62 डॉलर हासिल हुए हैं. वहीं, पिछले वित्त वर्ष में कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल के उत्पादन पर 42.78 डॉलर मिले थे. यह ONGC को कच्चे तेल के उत्पादन पर मिलने वाला सबसे ऊंचा दाम है.
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद 2021 के आखिर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार उछाल आया था और यह करीब 14 साल के सबसे ऊंचे स्तर 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. हालांकि, 2008 में भी कच्चे तेल के दाम 147 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे थे, लेकिन उस समय ओएनजीसी को पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को सब्सिडी उपलब्ध करानी पड़ी थी जिसकी वजह से मुनाफा कम रहा. अब ओएनजीसी को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के हिसाब से ही मुनाफा हो रहा है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलयम कंपनियां भी पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम वैश्विक दरों के हिसाब से तय करती हैं.
ओएनजीसी को बीते वित्त वर्ष में गैस के लिए 2.35 डॉलर प्रति इकाई (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) का दाम मिला. वहीं 2021-22 में उसे गैस के लिए प्रति इकाई 2.09 डॉलर की कीमत मिली थी. इस साल अप्रैल में गैस के दाम बढ़कर 6.1 डॉलर प्रति यूनिट पर पहुंच गए हैं. इसका प्रभाव कंपनी के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों में देखने को मिलेगा.
बनी दूसरी सबसे ज्यादा मुनाफे वाली कंपनी
बीते वित्त वर्ष में कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट बढ़कर 49,294.06 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसमें उसकी सब्सिडियरी कंपनियों का मुनाफा भी शामिल है. इससे पिछले वित्त वर्ष में ओएनजीसी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 21,360.25 करोड़ रुपये रहा था. ओएनजीसी का नेट और कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट दोनों ही घरेलू कंपनियों के मुनाफे के मामले में दूसरे नंबर पर है. इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीते वित्त वर्ष में 67,845 करोड़ रुपये का कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट कमाया था. वित्त वर्ष के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज की आमदनी 7,92,756 करोड रुपये रही थी.
ओएनजीसी ने मुनाफे के मामले में टाटा स्टील को पीछे छोड़ दिया है. टाटा स्टील का बीते वित्त वर्ष का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट 33,011.18 करोड़ रुपये और कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 41,749.32 करोड़ रुपये रहा है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 38,449 करोड़ रुपये के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट के साथ चौथे और भारतीय स्टेट बैंक 31,676 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट के साथ पांचवें स्थान पर है.
(इनपुट-पीटीआई)