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पेटीएम के घाटे में 42 फीसदी की गिरावट, लेकिन रेवेन्यू भी कम हुआ

कंपनी का रेवेन्यू लगातार दूसरे साल सपाट रहा है. हालांकि डिस्काउंट, कैशबैक और प्रमोशन पर खर्च कम करने से इसे अपने घाटे को कम करने में मदद मिली है. कंपनी का मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च 61 फीसदी घट कर 532 करोड़ रुपये हो गया है.

कंपनी का रेवेन्यू लगातार दूसरे साल सपाट रहा है. हालांकि डिस्काउंट, कैशबैक और प्रमोशन पर खर्च कम करने से इसे अपने घाटे को कम करने में मदद मिली है. कंपनी का मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च 61 फीसदी घट कर 532 करोड़ रुपये हो गया है.

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Of the total Demat account holders, over 64 per cent invested in mutual funds, close to 28 per cent in equity, and the rest in digital gold.

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आईपीओ की तैयारी कर रही ऑनलाइन पेमेंट ऐप पेटीएम की पैरेंट कंपनी one97 कम्युनिकेशन लिमिटेड का रेवेन्यू वित्त वर्ष 2020-21 में रेवेन्यू 14 फीसदी घटा है और लेकिन इसका घाटा कम हो कर 1701 करोड़ रुपये रह गया है. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कंपनी का घाटा 2942 करोड़ रुपये का रहा था. कंपनी ने अपने शेयर होल्डर्स को एनुअल रिपोर्ट भेजी है. चीन की अलीबाबा और जापान की सॉफ्टबैंक समर्थित one97 कम्युनिकेशन लिमिटेड अपना आईपीओ लाने की तैयारी में है. अगले महीने तक यह सेबी के पास अपना डीआरएचपी दाखिल कर सकती है. पेटीएम की स्थापना विजय शेखर शर्मा ने की थी. आज की तारीख में यह भारत की सबसे अहम कंपनियों में से एक है. इस स्टार्ट-अप की कुल वैल्यूएशन 16 अरब डॉलर की है.

डिस्काउंट, कैशबैक और प्रमोशन पर खर्च कम होने से घाटा काबू

कंपनी का रेवेन्यू लगातार दूसरे साल सपाट रहा है. हालांकि डिस्काउंट, कैशबैक और प्रमोशन पर खर्च कम करने से इसे अपने घाटे को कम करने में मदद मिली है. कंपनी का मार्केटिंग और प्रमोशन खर्च 61 फीसदी घट कर 532 करोड़ रुपये हो गया है. एक साल पहले यह 1397 करोड़ रुपये था. कंपनी का कुल खर्च घट कर 4783 करोड़ रुपये रहा है. जबकि इसके पिछले साल यह 6138 करोड़ रुपये रहा था. पेटीएम लगातार अपना घाटा कम करने में लगी है. पेटीएम का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से इसके मर्चेंट बिजनेस पर असर पड़ा है लेकिन इससे रेवेन्यू को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है.

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22,500 करोड़ का आईपीओ ला सकता है पेटीएम

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम का आईपीओ 300 करोड़ डॉलर यानी करीब 22,500 करोड़ रुपये का हो सकता है. यानी कंपनी आईपीओ के जरिये बाजार से 22500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसके बाद इसकी वैल्यूएशन बढ़कर 25-30 करोड़ डॉलर यानी 2.25 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. पेटीएम का आईपीओ इस साल दिवाली तक आ सकता है. अगर ऐसा होता है तो प्राइमरी मार्केट के निवेशकों के लिए यह दिवाली धमाकेदार हो सकती है.

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