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Paytm Planning For IPO: देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम (Paytm) अब आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम का आईपीओ 300 करोड़ डॉलर यानी करीब 22,500 करोड़ रुपये का हो सकता है. यानी कंपनी आईपीओ के जएि बाजार से 22500 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इसके बाद इसकी वैल्यूएशन बढ़कर 25-30 करोड़ डॉलर यानी 2.25 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है. बता दें कि पेटीएम की स्थापना साल 2010 में की गई थी. इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा है.
दिवाली तक आ सकता है आईपीओ
Paytm का आईपीओ इस साल दिवाली तक आ सकता है. अगर ऐसा होता है तो प्राइमरी मार्केट के निवेशकों के लिए यह दिवाली धमाकेदार हो सकती है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, Paytm प्राइमरी मार्केट से करीब 22,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए IPO लॉन्च करने की तैयारी में है. रिपोर्ट के मुताबिक, Paytm की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स इस आईपीओ को मंजूरी देने के लिए 28 मई यानी कल एक बैठक करेंगे.
किसने लगाया है पैसा
Paytm के बड़े निवेशकों में वॉरेन बफे की कंपनी बार्कशायर हैथवे, जापान की इंवेस्टमेंट फर्म सॉफ्टबैंक ग्रुप और चीनी कंपनी अलीबाबा ग्रुप की एंट ग्रुप शामिल हैं. इस IPO में फ्रेश शेयर्स के साथ कंपनी ने प्रोमोटर्स और मौजूदै निवेशक ऑफर फॉर सेल के जरिये शेयर जारी करेंगे, ताकि कुछ कंपनियों के एग्जिट का रास्ता मिले.
सबसे बड़ा IPO होगा
देश में अभी तक सबसे बड़ा IPO सरकारी कंपनी कोल इंडिया का रहा है. साल 2010 में कोल इंडिया ने आईपीओ से 15,200 करोड़ रुपये जुटाए थे. वहीं, इससे पहले अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस पावर 11 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लाई थी. पिछले साल SBI पेमेंट एंड कार्ड ने 10 हजार करोड़ रुपये का IPO लॉन्च किया था.
चुने जा सकते हैं ये बैंकर्स
सूत्रों के मुताबिक, Paytm के IPO के लिए जिन बैंकर्स को चुना जाएगा उनमें मोर्गन स्टैनले, सिटीग्रुप, जेपी मोर्गन जैसे इंवेस्टमेंट बैकर्स शामिल हैं. कहा जा रहा है कि लीड मानेजर बनने की रेस में मोर्गन स्टेनली सबसे आगे है. हालाकि, न तो Paytm ने और न ही इन इंवेस्टमेंट बैकर्स ने इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान दिया है.
आपको बता दें कि मार्केट रेगुलेटर SEBI के नियमों के मुताबिक, IPO लाने वाली कंपनी को पहले 2 साल में 10 फीसदी हिस्सा पब्लिक के लिए जारी करना होता है. जबकि अगले 5 साल में इसे बढ़ाकर 25 फीसदी करना होता है. यानी प्रमोटर ज्यादा से ज्यादा 75 फीसदी हिस्सा अपने पास रख सकते हैं.