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PE inflow drops : मार्च तिमाही के दौरान भारत में पीई इनफ्लो घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गया, जो 2018 के बाद देश में सबसे कम प्राइवेट इक्विटी निवेश है. (Photo: Pixabay)
PE inflows in India drop over 75 per cent in March quarter: देश में बाहर से आने वाले प्राइवेट इक्विटी इनफ्लो (Private Equity Inflow) में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है. मार्च तिमाही के दौरान देश में पीई इनफ्लो में 75 फीसदी से भी ज्यादा की भारी गिरावट दर्ज की गई है. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस तिमाही के दौरान भारत में आने वाला पीई इनफ्लो घटकर महज 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जो 2018 के बाद से देश में सबसे कम प्राइवेट इक्विटी निवेश है. 2018 में यह रकम महज 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर रही थी.
लगातार छठी तिमाही में गिरावट
फाइनेंशियल मार्केट से जुड़े आंकड़े और विश्लेषण मुहैया कराने वाली एजेंसी रेफिनिटिव (Refinitiv) की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2023 में खत्म तीन महीनों के दौरान भारत में प्राइवेट इक्विटी इनफ्लो 75.4 प्रतिशत घटकर 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया. यह लगातार छठी तिमाही है, जब भारत में प्राइवेट इक्विटी इनफ्लो में गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक पीई इनफ्लो में इस गिरावट के लिए काफी हद तक दुनिया के आर्थिक और राजनीतिक हालात जिम्मेदार हैं.
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प्राइवेट इक्विटी फंड जुटाने में भी आई कमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइवेट इक्विटी निवेश का सबसे बड़ा हिस्सा पहले की तरह इंटरनेट स्पेसिफिक और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनियों में ही आया है. हालांकि पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले इन कंपनियों की हिस्सेदारी 75 फीसदी से घटकर 58 फीसदी रह गई. बाजार में उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच प्राइवेट इक्विटी फंड जुटाने की गतिविधि में भी गिरावट देखने को मिली है. पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले मार्च 2023 में खत्म तिमाही में यह गिरावट सीक्वेंशियल आधार पर 45 फीसदी रही है. वॉल्यूम के तौर पर देखें, तो भी कुल डील की संख्या में सीक्वेंशियल आधार पर 19.9 फीसदी की गिरावट आई है. दिसंबर 2022 में खत्म तिमाही में 352 डील्स हुई थीं, लेकिन मार्च 2023 की तिमाही में यह संख्या घटकर 282 रह गई. मार्च 2022 में खत्म तिमाही में की गई 408 डील्स के मुकाबले यह गिरावट 30.9 फीसदी है.
एनर्जी, मेडिकल, हेल्थ और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में बढ़ा निवेश
हालांकि प्राइवेट इक्विटी इनफ्लो का सबसे बड़ा हिस्सा अब भी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और इंटरनेट स्पेसिफिक कंपनियों में आ रहा है, लेकिन पहले के मुकाबले इनमें भी 85.2 फीसदी की गिरावट आई है. देश के कंज्यूमर सेक्टर में पीई इनफ्लो 83.9 फीसदी और ट्रांसपोर्टेशन में 72.3 फीसदी गिरा है. जबकि एनर्जी और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में यह 361 फीसदी उछल गया है. इसी तरह मेडिकल और हेल्थ सेक्टर के प्राइवेट इक्विटी इनफ्लो में भी 310.5 फीसदी की शानदार बढ़त देखने को मिली है.