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वैश्विक कंपनियों के लिए भारत आकर्षक बन रहा है. (Representative Image)
कोरोना महामारी और अमेरिका व चीन के बीच कारोबारी विवाद के चलते कई वैश्विक कंपनियां चीन का विकल्प तलाश रही हैं. ऐसे में भारत तेजी से आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है. इसी कड़ी में ताइवान की पेगाट्रन कॉरपोरेशन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स तमिलानाडु में मोबाइल फोन और उसके पार्ट्स बनाने को लेकर निवेश करेंगी. दोनों कंपनियों का निवेश अलग-अलग होगा यानी कि पेगाट्रन कॉरपोरेशन अपनी अगली एंटिटी के जरिए राज्य में निवेश करेगी और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अपनी अगली एंटिटी के जरिए. तमिलनाडु सरकार ने यह जानकारी दी है.
जानकारी के मुताबिक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल फोन कंपोनेंट्स बनाने के लिए राज्य में 5753 करोड़ रुपये (79 करोड़ डॉलर) का निवेश करेगी. ताइवान की कंपनी पेगाट्रन कॉरपोरेशन मोबाइल फोन के निर्माण के लिए 1100 करोड़ रुपये निवेश करेगी. पेगाट्रन का फेजवाइज निवेश करेगी और यह पहले चरण का निवेश होगा.
वैश्विक कंपनियों के लिए आकर्षक बन रहा भारत
भारत फोन एसेंबल करने वाली वैश्विक कंपनियों के लिए आकर्षक बनता जा रहा है जो चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं. इसके अलावा कोरोना महामारी और अमेरिका व चीन के बीच जारी कारोबारी विवाद के चलते अधिकतर फोन एसेंबल करने वाली कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही हैं. इसकी कड़ी में भारत में आकर्षक बनता जा रहा है. पिछले साल अक्टूबर 2020 में भारत सरकार ने 16 कंपनियों को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) प्रोग्राम के तहत मंजूरी दी थी.
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ओला इलेक्ट्रिक भी राज्य में करेगी निवेश
तमिलनाडु राज्य में पेगाट्रन कॉरपोरेशन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा अन्य कंपनियां भी निवेश करने वाली हैं. जानकारी के मुताबिक सन एडीसन राज्य में 4629 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और सोलर पीवी मॉड्यूल्स तैयार करेगी. एक और कंपनी ओला इलेक्ट्रिक राज्य में 2354 करोड़ के निवेश से इलेक्ट्रिक वेहिकल्स और बैट्री तैयार करेगी