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Crude Prices: इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं.
Crude oil prices Latest News: महंगे पेट्रोल और डीजल की मार झेल रहे कंज्यूमर्स जेब और ढीली करने के लिए तैयार रहें. आगे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और इजाफा संभव है. असल में इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं. आज के कारोबार में क्रूड 48 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर गया है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि क्रूड में आई हालिया तेजी आगे भी जारी रहने वाली है. शॉर्ट टर्म में क्रूड 50 डॉलर प्रति बैरल का भाव जल्द पार कर जाएगा. इंटरनेशनल एजेंसियों का मानना है कि 2021 में ब्रेंट क्रूड 60 डॉलर तक का भाव दिखा सकता है.
नवंबर में 12 डॉलर हुआ महंगा
ब्रेंट क्रूड में तेजी किस कदम है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि नवंबर में अबतक इसके भाव में 12 डॉलर प्रति बैरल की तेजी आ चुकी है. 30 अकटूबर को ब्रेंट क्रूड 36.8 डॉलर प्रति बैरल पर था. वहीं, अब यह बढ़कर 48.75 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. वहीं, इस साल 22 अप्रैल के लो से देखें तो इसमें 32 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है. कोविड 19 में लॉकडाउन के चलते मांग घटने से 22 अप्रैल को क्रूड 16 डॉलर के आस पास आ गया था.
क्रूड मार्केट की सुधर रही है कंडीशन
बैंक आफ अमेरिका (BofA) का मानना है कि कोविड 19 की वैक्सीन जल्द आने की उम्मीद में अब क्रूड मार्केअ की कंडीशन में सुधार हो रहा है. वहीं ओपेक देशों द्वारा प्रोडक्शन कट कम करने का भी असर दिख रहा है. असल में कोविड 19 की वेक्सीन आने की उम्मीद में अब क्रूड की डिमांड बढ़ी है. वैक्सीन आने और कोरोना का डर कम होने से अर्थव्यवस्था के मजबूत होने की उम्मीद है. इस उम्मीद में क्रूड की मांग बए़ेगी. इस बात से क्रूड को लेकर सेंटीमेंट सुधर रहे हैं.
दूसरा जैसे जैसे अर्थव्यवस्था खुलेगी, ट्रैवल कंडीशन भी बेहतर होगा. एक देश से दूसरे देश में जाने वालों की संख्या में इजाफा आएगा. इससे इंटरनेशनल स्तर पर क्रूड की डिमांड तेजी से बढ़ेगी. यूएस बैंक का अनुमान है कि साल 2021 में क्रूड 60 डॉलर का भाव भी छू सकता है.
शॉर्ट टर्म में बनी रहेगी तेजी
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट, रिसर्च (कमोडिटी एंड करंसी) अनुज गुप्ता का मानना है कि क्रूड में शॉर्ट टर्म में तेजी बनी रहेगी. क्रूड जल्द 50 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर सकता है. उनका कहना है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर जिस तरह से डेवलपमेंट सामने आ रहे हें, क्रूड मार्केट को सपोर्ट मिल रहा है. उनका कहना है कि वैक्सीन को लेकर डेवलपमेंट और ओपेक द्वारा तेल के उत्पादन में कटौती दोनों से कच्चे तेल को सपोर्ट मिल रहा है.
दूसरा यह है कि बहुत से देशों ने अपनी डिमांड पेंडिंग में रखी थी, अब वे मांग बढ़ाने लगे हैं. हालांकि एक चिंता यह है कि कुछ देशों में कोविड 19 के मामले बढ़ रहे हैं. एक और वजह अमेरिका में सत्ता परिवर्तन है. इससे ईरान से अमेरिका के संबंध सुधरने के आसार हैं. ऐसा होता है तो ईरान के तेल बाजार में सुधार आएगा.
पेट्रोल, डीजल के बढ़ सकते हैं भाव
पेट्रोल और डीजल के भाव सीधे तौर पर कच्चे तेल से जुड़े हुए हैं. भारत अपनी जरूरतों का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड दूसरे देशों से खरीदता है. ऐसे में क्रूड लंबे समय तक महंगा बना रहा तो भारत को नई खेप के लिए भी ज्यादा कीमत चुकानी होगी. ऐसे में घरेलू बास्केट में भी क्रूड महंगा होगा, जिससे तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ा सकती हैं. बता दें कि क्रूड सस्ता होने के बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल के भाव नहीं घटे. देश के कुछ राज्यों में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है.