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Pharma Stocks: फार्मा सेक्टर का वैल्युएशन तो वाजिब है, लेकिन नियम टर्म में कास्ट प्रेशर बना रहेगा.
Pharma Sector Investment: लंबे समय तक अंडरपरफॉर्मर रहे फार्मा सेक्टर में एक बार फिर पॉजिटिव संकेत देखने को मिल रहे हैं. वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के दौरान ओवरआल फार्मा सेक्टर की ग्रोथ उम्मीद के अनुसार रही है. इस दौरान सालाना आधार पर कंबाइंड रेवेन्यू और मुनाफे में 14 फीसदी और 14.5 फीसदी ग्रोथ देखने को मिली, लेकिन तिमाही आधार पर रेवेन्यू फ्लैट रहा और मुनाफे में कमी आई. ब्रोकरेज हाउस शेयरखान का कहना है कि उम्मीद है कि फार्मा सेक्टर का आगे मार्जिन परफॉर्मेंस और बेहतर होगा. लेकिन नियर टर्म में अभी कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं. मसलन कास्ट प्रेशर और रेगुलेटरी हैंगओवर. इसलिए अभी चुनिंदा शेयरों पर ही फोकस करना चाहिए, जिनमें ग्रोथ की संभावनाएं ज्यादा दिख रही हैं.
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Q4FY2023 में फार्मा सेक्टर का सुधरा प्रदर्शन
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि Q4FY2023 के दौरान फार्मा सेक्टर के प्रदर्शन में सुधार हुआ है. जेनेरिक फॉर्मूलेशन वाली कंपनियों Zydus Life, Sun Pharma, Lupin और Biocon के साथ इंडिया फोकस MNC प्लेयर मसलन सनोफी इंडिया ने अर्निंग के मोर्चे पर आउटपरफॉर्म किया है. US और घरेलू स्तर पर मजबू ग्रोथ और रा मैटेरियल की कीमतों में नरमी के चलते ऐसा संभव हुआ. दूसरी ओर Dr. Reddy’s, लॉरस लैब, स्ट्राइड्स फार्मा, एबॉट इंडिया, टोरेंट फार्मा, अरबिंदो फार्मा, IPCA लैब्स, ग्रेनुअल्स इंडिया, Cipla और Caplin Point का प्रदर्शन अनुमान से पीछे रह गया.
फार्मा सेक्टर का Q4FY2023 के दौरान रेवेन्यू ग्रोथ 14% सालाना (+1% तिमाही) रही है. OPM सालाना आधार पर 72 bps बढ़ा है लेकिन तिमाही आधार पर 129 bps घटा है. कंबाइंड नट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 14.5% ग्रोथ रही है, जबकि तिमाही आधार पर 9.8% गिरावट आई है. ब्रोकरेज के अनुसार फार्मास्युटिकल स्पेस में, हम अगले 2 साल में कॉम्पलेक्स और अलग-अलग प्रोडक्ट्स की लाइन-अप के कारण, विशेष रूप से नॉवेल और बायोसिमिलर स्पेस में जेनेरिक फॉर्मूलेशन कंपनियां बेहतर कर सकती हैं और मिड टर्म में रेवेन्यू और मुनाफा बढ़ा सकते हैं. हालांकि, नियर टर्म में कास्ट प्रेशर और रेगुलेटरी ओवरहैंग के रूप में कुछ रिस्क हैं. जेनेरिक फॉर्मूलेशन स्पेस में जाइडस लाइफसाइंसेज और सन फार्मा में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद है.
वैल्युएशन बेहतर, लेकिन नियर टर्म में रहेगा दबाव
ब्रोकरेज हाउस शेयरखान का कहना है कि पिछले 12 महीनों की बात करें तो फार्मा इंडेक्स ने 10 फीसदी रिटर्न दिया है, जो बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स के 13 फीसदी रिटर्न के आस पास है. उम्मीद है कि फार्मा सेक्टर का आगे मार्जिन परफॉर्मेंस और बेहतर होगा, क्योंकि सन फार्मा और जाइडस लाइफ जैसे बड़े फार्मास्युटिकल कंपनियों के शेयर और एबट इंडिया और सनोफी इंडिया जैसे इंडिया-फोकस्ड कंपनियों का वैल्युएशन वाजिब दिख रहा है; ये आगे बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि भारतीय फार्मा कंपनियों ने खुद को ग्लोबल फार्मा कंपनियों के लिए भरोसेमंद सोर्स के रूप में स्थापित किया है. API स्पेस में उभरते अवसरों के अलावा स्पेशिएलिटी/कॉम्पलेक्स प्रोडक्ट्स पर फोकस करने सहित अन्य फैक्टर्स लंबी अवधि में ग्रोथ के प्रमुख ड्राइवर्स होंगे. हालांकि, USFDA द्वारा चल रहे प्लांट निरीक्षण और कुछ कंपनियों को फॉर्म 483 जारी किया जाना, चिंता वाली बात है. ब्रोकरेज का कहना है कि नियर टर्म में फार्मा सेक्टर की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है. ब्रोकरेज ने सेक्टर पर न्यूट्रल रुख दिया है.
ब्रोकरेज हाउस के टॉप पिक्स
लार्जकैप: Zydus Lifesciences, Sun Pharma, Divis labs, Abbott India
मिडकैप: Caplin Point, and Sanofi India
Q4FY2023 में आउटपरफॉर्मर: Zydus Lifesciences, Sun Pharma, Lupin, Sanofi India, and Biocon
Q4FY2023 में अंडरपरफॉर्मर: Dr. Reddy’s, Laurus Labs, Strides Pharma, Abbott India, Torrent Pharma, Aurobindo, IPCA Labs, Divis’, Granules, Cipla and Caplin Point.
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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)