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Thyrocare को 4546 करोड़ रुपये में खरीदेगी डिजिटल हेल्थकेयर कंपनी Pharmeasy

सौदे के तहत Pharmeasy थायरोकेयर में 66.1 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. कंपनी ए.वेलुमणि और उनके सहयोगी से 1300 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से यह हिस्सेदारी खरीदेगी.

सौदे के तहत Pharmeasy थायरोकेयर में 66.1 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. कंपनी ए.वेलुमणि और उनके सहयोगी से 1300 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से यह हिस्सेदारी खरीदेगी.

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Thyrocare को 4546 करोड़ रुपये में खरीदेगी डिजिटल हेल्थकेयर कंपनी Pharmeasy

फार्मईजी थायरोकेयर में 66 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी खरीदेगी.

डिजिटल हेल्थकेयर कंपनी ( Digital healthcare company ) Pharmeasy ने शुक्रवार को डायगोनिस्टक चेन Thyrocare को 4,546 में खरीदने का ऐलान किया. सौदे के लिए फार्मईजी की पैरेंट यूनिकॉर्न API Holdings और थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन और एमडी ए वेलुमणि ने हस्ताक्षर किए. सौदे के तहत Pharmeasy थायरोकेयर में 66.1 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. कंपनी ए.वेलुमणि और उनके सहयोगी से 1300 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से यह हिस्सेदारी खरीदेगी.

Thyrocare की 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए ओपन ऑफर आएगा

सौदे से जुड़े बयान में कहा गया है कि यह काफी महत्वपूर्ण डील है क्योंकि स्टार्टअप इस तरह की कोई डिजिटल हेल्थकेयर कंपनी में बहुसंख्यक हिस्सेदारी खरीद रही है. APIकी सब्सीडियरी फार्मईजी लिस्टेड कंपनी थायरोकेयर की 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाएगी.

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Thyrocare के फाउंडर भी API में खरीदेगी हिस्सेदारी

ए वेलुमणि भी API में 5 फीसदी से कम की हिस्सेदारी कंपनी के मौजूदा और नए निवेशकों की ओर से इक्विटी इनवेस्टमेंट के तहत खरीदेंगे. थायरोकेयर में उत्तराधिकार की योजना नहीं होना डॉ. वेलुमणि की ओर से कंपनी को बेचने का प्रमुख कारण हो सकता है. इससे पहले PharmEasy ने मेडलाइफ को खरीदा था और इसके बाद वह देश की सबसे बड़ी मेडिसिन डिलीवरी कंपनी बन गई थी. थायरोकेयर के पास देश भर में डायग्नोस्टिक सेंटर्स का नेटवर्क है. कंपनी के शेयर प्राइस में इस महीने लगभग 300 रुपये की तेजी आई है. शुक्रवार को बीएसई पर थायरोकेयर के शेयर 6.23 फीसदी बढ़ कर 1,448.05 रुपये पर बंद हुए.

पिछले दिनों डिजिटल हेल्थकेयर कंपनियों  में अधिग्रहण का दौर चला है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑनलाइन फार्मेसी सेगमेंट में कदम रखते हुए नेटमेड्स का अधिग्रहण किया है. जबकि फार्मईजी का मेडलाइफ में विलय हो चुका है. ई-कॉमर्स सेगमेंट में टाटा ग्रुप का फ्लिपकार्ट, अमेजन और रिलायंस रिटेल जसी दिग्गज कंपनियों से मुकाबला है. आगे भी इस सेक्टर में कई विलय और अधिग्रहण के सौदे देखने को मिल सकते हैं. कई बड़ी रिटेल कंपनियां इस क्षेत्र में कूद सकती हैं.

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