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PhonePe IPO: दिग्गज पेमेंट्स कंपनी फोनपे (PhonePe) की आईपीओ लाने की अभी कोई योजना नहीं है. एक दिन पहले न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि फाइनेंशियल सर्विसेज के पोर्टफोलियो को बढ़ाने और अपने यूपीआई आधारित पेमेंट्स ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए आईपीओ लाने पर विचार कर रही है. यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद फोनपे के को-फाउंडर और सीईओ ने इस पर चुटकी ली कि कंपनी उनकी है, फिर भी उन्हें जानकारी नहीं है कि इसका आईपीओ आने वाला है.
कंपनी ने किया खण्डन
एक दिन पहले कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि फोनपे 800 करोड़ डॉलर (62456 करोड़ रुपये)- 1000 करोड़ डॉलर (78070 करोड़ रुपये) के वैल्यूएशन पर आईपीओ लाने की योजना बना रही है. इसके बाद कंपनी ने इसका खण्डन किया और कहा कि जब तक इसका कोर बिजनेस मुनाफे में नहीं आ जाता है और नया कारोबार मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत नहीं कर लेता है, यह आईपीओ लाने पर विचार नहीं करेगी.हालांकि सूत्र ने भी ऐसी जानकारी दी कि मुनाफे में आने के बाद ही कंपनी आईपीओ लाएगी और उसे उम्मीद है कि कंपनी अगले साल 2023 तक मुनाफे में आ जाएगी.
सात साल पहले हुई थी PhonePe की शुरुआत
फोनपे की शुरुआत करीब सात साल पहले वर्ष 2015 में फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जेक्यूटिव्स समीर निगम, राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर ने की थी. इसके बाद अगले ही साल दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने इसे खरीद लिया था. दो साल बाद वर्ष 2018 में वालमार्ट ने जब फ्लिपकार्ट ग्रुप को खरीदा था तो फोनपे भी इसका हिस्सा बन गई. फोनपे में फ्लिपकार्ट की 87 फीसदी और वालमार्ट की 10 फीसदी हिस्सेदारी है. फोनपे सिंगापुर में रजिस्टर्ड कंपनी है लेकिन अब इसे भारत में लाने की तैयारी हो रही है. कंपनी के बोर्ड ने होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से हटाकर भारत में रजिस्टर कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.