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Oswal Pumps GMP : ओसवाल पंप्स का अनलिस्टेड स्टॉक ग्रे मार्केट में 68 रुपये के प्रीमियम पर है. जो अपर प्राइस बैंड 614 रुपये के हिसाब से 11% है. (Image : Freepik)
IPO Updates : पीएम कुसुम योजना के तहत प्रमुख बेनेफिशियरी कंपनी ओसवाल पंप्स लिमिटेड का आईपीओ पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए आज 13 जून को खुल गया है. ये आईपीओ निवेश के लिए 17 जून तक खुला रहेगा. कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 584 से 614 रुपये प्रति शेयर तय किया है. आईपीओ का साइज 1,387 करोड़ रुपये है. 18 जून को इसमें शेयर अलॉट होंगे, वहीं 20 जून को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट (stock market listing) हो सकते हैं.
GMP घटा : ग्रे मार्केट प्रीमियम
ओसवाल पंप्स के आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में हलचल कुछ कम हुई है. ओसवाल पंप्स का अनलिस्टेड स्टॉक ग्रे मार्केट में 68 रुपये के प्रीमियम पर है. यह अपर प्राइस बैंड 614 रुपये के हिसाब से 11% प्रीमियम है. आईपीओ के एक दिन पहले इसका जीएमपी 88 रुपये था.
लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह
ब्रोकरेज हाउस एसबीआई सिक्योरिटीज ने इसमें लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि 614 के अपर प्राइस बैंड पर, यह आईपीओ 9MFY25 एनुअलाइज्ड पी/ई और EV/EBITDA मल्टीपल पर 24.2x और 15.1x के वैल्युएशन पर है, जो पोस्ट इश्यू कैपिटल पर आधारित है. कंपनी FY23 और FY24 में पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप की सबसे बड़ी सप्लायर्स में से एक है. यह भारत में कुछ ऐसी कंपनियों में से एक है जो वर्टिकली इंटीग्रेटेड टर्नकी सोलर पंपिंग सिस्टम तैयार करती है.
कंपनी ने FY22 से FY24 के बीच 45.1% की रेवेन्यू, 97.4% की EBITDA, और 140.2% की PAT CAGR दर्ज की है. वर्तमान में, कंपनी के पास 1,100 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक है, जो उसके 9MFY25 एनुअलाइज्ड रेवेन्यू का 0.8 गुना है. इसके अलावा, कंपनी के पास 3,200 करोड़ रुपये की बोली पाइपलाइन है, जो अच्छी ग्रोथ संभावनाएं दर्शाती हैं. हालांकि, कंपनी की सरकारी प्रोजेक्ट्स और पॉलिसी पर निर्भरता और कैश फ्लो में देरी इसके लिए जोखिम हो सकते हैं.
ब्रोकरेज हाउस बजाज ब्रोकिंग ने लॉन्ग टर्म के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज के अनुसार यह सोलर पंप सेगमेंट में लीडिंग कंपनियों में शामिल है. कंपनी ने अपने रेवेन्यू और नेट प्रॉफिट दोनों में ग्रोथ दर्ज की है. FY24 से मुनाफे में आई तेजी का मुख्य कारण इसका सोलर पंप सेगमेंट की ओर बढ़ना है. आईपीओ के बाद कंपनी पूरी तरह कर्जमुक्त हो जाएगी और इसके द्वारा की जा रही विस्तार योजनाएं भविष्य में आय में और इजाफा करेंगी.
हालांकि, हालिया वित्तीय आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो यह इश्यू आक्रामक रूप से ओवर वैल्यूड लगता है. साथ ही, इस सेगमेंट में कई कॉरपोरेट्स की एंट्री के चलते प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है. ऐसे में, निवेशक मिड से लॉन्ग टर्म के लिए इसमें निवेश पर विचार कर सकते हैं.
किसके लिए कितना रिजर्व
कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है. इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है. कंपनी ने पीएम कुसुम स्कीम (PM Kusum Yojana) के तहत कई राज्यों में 26,270 से ज्यादा सोलर पंपिंग सिस्टम (Solar Power) लगाए हैं. देशभर में कंपनी के 636 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर हैं और 17 देशों में एक्सपोर्ट भी करती है.
कंपनी के कैसे हैं फाइनेंशियल
फाइनेंशियल ईयर 2023 में ओसवाल पंप्स का रेवेन्यू, खर्च और PAT 387.47 करोड़, 340.87 करोड़ और 34.20 करोड़ रुपये था. जबकि फाइनेंशियल ईयर 2024 में ये आंकड़े 761.23 करोड़, 631.36 करोड़ और 97.67 करोड़ रुपये रहा. वहीं फाइनेंशियल ईयर 2025 के पहले 6 महीनों में रेवेन्यू, खर्च और PAT 1067.34 करोड़, 781.83 करोड़ और 216.71 करोड़ रुपये रहा.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)