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दिवाली से पहले ही कीमतों में राहत मिल जाएगी.
Potato and Onion Price: आलू और प्याज की महंगाई से जल्द ही लोगों को राहत मिल सकती है. मंडियों में इनकी कीमतों में कमी आनी शुरू हो गई है. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स पर दिए गए प्राइस रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में आलू का खुदरा भाव 45 रुपये प्रति किलो और प्याज 62 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिका. जो पहले 50 रुपये प्रति किलो और 70 रुपये प्रति किलो के करीब चल रहा था. कारोबारियों के मुताबिक दोनों ही सब्जियों की आवक जहां बढ़ रही है, वहीं खासतौर से प्याज की डिमांड पहले से कम हुई है. इसके अलावा केंद्र सरकार की पहल से भी महंगाई पर उपभोक्ताओं को राहत मिली है.
मंडी में सस्ता हो रहा प्याज
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक स्थित लासलगांव की मंडी के सेक्रेटरी वाधवाने ने बताया कि मंडी में प्याज तो है लेकिन उनकी डिमांड कम हो गई है. उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन दिन में इनके भाव में 1100-1200 की गिरावट हुई है. बुधवार को प्याज 4711 प्रति कुंतल के भाव से निकला. उनका कहना है कि इस समय किसान भी स्टॉक कर रहे हैं, जिसके कारण भाव में तेजी आई थी.
आजादपुर मंडी पोटैटो ओनियन मर्चेंट एसोसिएशन (POMA) के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली की आजादपुर मंडी से बुधवार को प्याज 40-50 रुपये प्रति किलो के भाव से निकला जबकि विदेशों से आने वाली प्याज 30-40 रुपये प्रति किलो के भाव से निकला.
हिमाचल से शुरू हो गई है आलू की आवक
राजेंद्र शर्मा ने बताया कि आजादपुर मंडी में आलू की आवक शुरू हो गई है. बुधवार को आलू 25-36 रुपये किलो के भाव पर बिका. हालांकि मंडी में नए आलू का भाव थोड़ा अधिक रहा. नया आलू 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिका.
फेस्टिव सीजन के अलावा बारिश ने बढ़ाए थे भाव
पिछले कुछ समय से बारिश के कारण आलू और प्याज की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ा था. इसके कारण इनके भाव में तेजी आई थी. इसके अलावा फेस्टिव सीजन के कारण इनकी मांग बढ़ी थी. मांग के मुताबिक आपूर्ति न होने के कारण भाव में उछाल आया. इसके अलावा केंद्र सरकार ने जब से कृषि नियमों में बदलाव कर भंडारण सीमा के नियम को हटा दिया था, उसके बाद कीमतों में तेजी दिखी.
बारिश में हर साल महंगा होता है आलू-प्याज
आलू-प्याज बारिश में हर साल महंगा होता है और अगर यह बारिश लंबी खिंचती है यानी कि सितंबर और अक्टूबर में बारिश होती है तो इसका असर आलू-प्याज की कीमतों पर भी पड़ता है. पिछले कुछ समय से बारिश नहीं हुई, जिसके कारण इसकी आपूर्ति बनी हुई है और भाव में अब अधिक तेजी नहीं आ रही है. हालांकि उनका मानना है कि अगर इस महीने बारिश होती है, जैसे कि कभी-कभी नवंबर में बारिश हो जाती है, तो इनके भाव में फिर तेजी आ सकती है. हालांकि इसकी उम्मीद इस बार कम दिख रही है.
दिवाली से पहले ही मिल जाएगी राहत
केंद्र सरकार ने नैफेड के जरिए विदेशों से 15 हजार टन आलू और 15 हजार टन प्याज मंगाया है लेकिन राजेंद्र शर्मा का मानना है कि अब इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है क्योंकि अब भारतीय स्टॉक भी बाजार में आने वाला है. हालांकि सरकार के इस फैसले के कारण जिन्होंने स्टॉक जमा करना शुरू कर दिया था, वे बाहर निकालने लगे और कीमतें नीचे आने लगी. सरकार ने 23 अक्टूबर को भंडारण की अधिकतम सीमा 25 टन भी निर्धारित कर दी. शर्मा के मुताबिक 10 नवंबर के बाद से यानी दिवाली से पहले ही आलू की कीमतें कम हो जाएंगी. लासलगांव के सेक्रेटरी वाधवाने के मुताबिक जिस तरह से मंडी में प्याज के भाव कम हैं, उसका प्रभाव जल्द ही खुदरा बाजार में दिखने को मिलेगा और लोगों को प्याज की महंगाई से राहत मिलेगी.
प्याज का उत्पादन पर्याप्त
कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 2018-19 में प्याज का उत्पादन 2.28 करोड़ टन था जो इस साल 2019-20 मंत्रालय के दूसरे अग्रिम आकलन में 2.67 करोड़ टन है.
विभाग की वेबसाइट के मुताबिक 2018-19 सत्र में 491.74 लाख टन रबी आलू उत्पादित हुआ था जबकि इस बार 2019-20 का अनुमान 501.96 लाख टन है. 2018-19 में खरीफ आलू 10.16 लाख टन उत्पादित हुआ था जबकि इस बार का अनुमान 8.45 लाख टन है.