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बहुमूल्य धातुओं (सराफा), रत्न इत्यादि का कारोबार करने वाले कारोबारियों को अब 10 लाख रुपये मूल्य के नकद सौदे या एक ही ग्राहक के साथ इतनी बड़ी राशि के सौदों का रिकॉर्ड रखना होगा. वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी. अधिसूचना में कहा गया है कि महंगी धातु और रत्न कारोबारियों के साथ-साथ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के दायरे में आने वाले उन रीयल एस्टेट एजेंटों को भी रिकॉर्ड रखना होगा, जो 20 लाख रुपये से अधिक का सौदा करते हैं.
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के निदेशक मयंक अरोड़ा ने कहा कि नियमों में इस संशोधन का लक्ष्य कानून की उस कमी को दूर करना है जहां रत्न और आभूषण क्षेत्र में बिना ग्राहक को जाने दो लाख रुपये तक के नकद सौदे करने की अनुमति है. दो लाख रुपये से अधिक की खरीद पर ग्राहक को पैन कार्ड या आधार संख्या बतानी होती है.
उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट एजेंट PMLA, 2002 के तहत रिपोर्ट करने वाली इकाई माने जाते हैं. प्रिवेंशन आॅफ मनी लॉन्ड्रिंग नियम 2005 में हालिया संशोधन ने केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड को रेगुलेटर बना दिया है. बोर्ड प्रक्रिया निर्दिष्ट करने और रीयल एस्टेट एजेंट्स द्वारा रिकॉर्ड को मेंटेन करने के तरीके के लिए जिम्मेदार है.