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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी बृहस्पतिवार से हड़ताल करेंगे
देश के कई पब्लिक सेक्टर बैंकों के नौ लाख कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार से दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. कर्मचारी यूनियन के नेताओं के मुताबिक हड़ताल पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों के निजीकरण की कोशिश के खिलाफ होगी.एसबीआई समेत लगभग सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस हड़ताल से प्रभावित कामकाज के बारे में बता दिया है.इन बैंकों का कहना है कि चेक क्लीयरिंग और फंड ट्रांसफर जैसे काम इससे रुक सकते हैं.
बैंक यूनियन ने कहा, समझौता न होने से करनी पड़ रही है हड़ताल
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन ( AIBOC) के जनरल सेक्रेट्री सौम्य दत्ता के मुताबिक बुधवार को अतिरिक्त चीफ लेबर कमिश्नर के साथ समझौते की मीटिंग नाकाम रही. लिहाजा यूनियन ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.सरकार ने 2021-22 के बजट में इस साल दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का फैसला किया है. इसके खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU)ने 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल करने का फैसला किया है.
बैंक प्राइवेटाइजेशन बिल को रोकने की मांग कर रहे हैं कर्मचारी
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ( UFBU) ऑल इंडिया बैंक एम्लॉयज एसोसिएशन, एआईबीओसी और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स समेत कई बैंक कर्मचारी यूनियनों का प्रतिनिधि संगठन है. एआईबीईए के जनरल सेक्रेट्री सी एच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियन के प्रतिनिधियों, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और वित्त मंत्रालय ने समझौता बैठक में हिस्सा लिया लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि बैंक यूनियनों की ओर से सरकार से कहा गया था कि अगर वह चालू सत्र में बैंक प्राइवेटाइजेशन बिल को नहीं लाएगी तो बैंक हड़ताल पर नहीं जाएंगे. लेकिन सरकार के प्रतिनिधियों ने कोई वादा नहीं किया है.लिहाजा बैंकों ने दो दिन की हड़ताल का फैसला किया.