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Indian Warren Buffett : दमानी को भारत के वॉरेन बफेट भी कहा जाता है, जिन्हें उनके वैल्यू इन्वेस्टिंग अप्रोच के लिए जाना जाता है. (Pixabay)
Suhel Khan
भारत की रिटेल दिग्गज कंपनी डीमार्ट के फाउंडर और चेयरमैन, राधाकिशन दमानी को भारतीय शेयर बाजार में एक मास्टर खिलाड़ी माना जाता है. ट्रेंडलाइन डॉट कॉम के अनुसार, वर्तमान में उनके पास 13 शेयर हैं, जिनका कुल एसेट्स 161,187 करोड़ रुपये है. उनकी निवेश रणनीति और शेयर बाजार की समझ ने उन्हें भारत के सबसे अमीर निवेशकों में से एक बना दिया है. दमानी को भारत के वॉरेन बफेट भी कहा जाता है, जिन्हें उनके वैल्यू इन्वेस्टिंग अप्रोच के लिए जाना जाता है, और जो लॉन्ग टर्म ग्रोथ और स्स्टेनेबल बिजनेस प्रैक्टिस प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
वह दिग्गज निवेशक स्वर्गीय राकेश झुनझुनवाला के भी गुरु माने जाते थे.
इसमें कोई चौंकने की बात नहीं है कि बड़े संस्थानों से लेकर इनडिविजुअल निवेशकों तक, हर कोई उनकी बाजार में की जाने वाली हर गतिविधियों पर नजर रखता है. इसलिए, जब वह दो कम जानी-मानी माइक्रोकैप कंपनियों में निवेश करते हैं, तो ऐसे बाजार में जहां हर कोई तुरंत मुनाफे की तलाश में है, उनका यह कदम फोकस में आ जाता है.
इन कंपनियों में उन्हें ऐसा क्या दिखता है जो दूसरों को नहीं दिखता? इस अनुभवी निवेशक की दिलचस्पी किस बात ने जगाई? आइए इन शेयरों पर नजर डालें और देखें कि क्या हम जवाब पा सकते हैं।
Advani Hotels & Resorts (India) Ltd – AHRIL
1987 में स्थापित, आडवानी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स इंडिया लिमिटेड लग्जरी होटल के बिजनेस में है और गोवा में कैरावेला बीच रिसॉर्ट का स्वामित्व और संचालन करती है. यह अरब सागर पर एक इंडीपेंडेंट, 201-की, 5-स्टार डीलक्स गोल्फ रिसॉर्ट है, जिसे वर्ल्ड फेमस वास्तुकारों विम्बरली एलिसन टोंग एंड गू (WATG) द्वारा डिजाइन किया गया है.
ट्रेंडलाइन डॉट कॉम के अनुसार, 540 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ, दमानी के पास मार्च 2016 से (जब से रिकॉर्ड उपलब्ध हैं) कम से कम 22.6 करोड़ रुपये वैल्यू की AHRIL की 4.2 फीसदी हिस्सेदारी है.
आइये कंपनी की वित्तीय स्थिति पर नजर डालें ताकि पता चल सके कि दमानी की रुचि किस चीज में है.
वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की बिक्री 27 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 105 करोड़ रुपये हो गई, जो 3 साल में 57% की कंपाउंडिंग ग्रोथ है. अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 तक की तीन तिमाहियों में कंपनी ने पहले ही 75 करोड़ रुपये की सेल्स दर्ज कर ली है.
नेट प्रॉफिट की बात करें तो AHRIL ने रीजरेक्शन से कम कुछ नहीं देखा है. वित्त वर्ष 2021 में 4 करोड़ रुपये के घाटे से लेकर वित्त वर्ष 2024 में 25 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट तक. यह एक कारण हो सकता है कि दमानी की इस कंपनी में रुचि बनी हुई है.
इसके अलावा, कंपनी के लिए EBITDA वित्त वर्ष 2021 में निगेटिव 3 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 34 करोड़ रुपये हो गया है. मार्च 2020 में AHRIL का शेयर प्राइस 24 रुपये था और 6 मार्च 2025 को बंद होने पर 58.4 रुपये है , जो मार्च 2020 की तुलना में 143% की छलांग है.
कंपनी का शेयर वर्तमान में 21x के पीई पर कारोबार कर रहा है, जबकि पियर्स की तुलना में इंडस्ट्री का एवरेज 35x है. AHRIL के लिए 10 साल का औसत पीई 22.5x है, जबकि इंडस्ट्री का 34x है. यह भी ध्यान देने की बात है कि कंपनी लगभग कर्ज मुक्त है, 3.08% का हेल्दी डिविडेंड प्रदान कर रही है और 95.9% का हेल्दी डिविडेंड पेआउट मेनटेन कर रही है.
पिछले 10 साल में दिए गए डिविडेंड के आधार पर, AHRIL भारत में सभी लिस्टेड कॉरपोरेशन में फीसदी के हिसाब से टॉप 10 डिविडेंड पेआउट करने वाली कंपनियों में से एक है.
Mangalam Organics Ltd (MOL)
मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड 1981 में इनकॉरपोरेट हुई थी और यह कैंफर, रेजिन और सोडियम एसीटेट का निर्माता है. एमओएल कैंफर का विश्व का सबसे बड़ा निर्माता है तथा पाइन केमिकल्स जैसे टेरपीन, सिंथेटिक रेजिन आदि का आईएसओ सर्टिफाइड मैन्युफैक्चरर है. 348 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ, कंपनी के के ग्राहकों की लिस्ट एशियन पेंट्स , कंसाई, बर्जर, पिडिलाइट, हेन्केल, बोस्टिक, डीमार्ट, रिलायंस , स्पेंसर, अमेजन और बिगबास्केट जैसी कंपनियां शामिल हैं.
ट्रेंडलाइन डॉट कॉम के अनुसार, दमानी के पास कम से कम जून 2020 से (जब से रिकॉर्ड उपलब्ध हैं) एमओएल में 2.2 फीसदी हिस्सेदारी है.
फाइनेंशियल की बात करें तो कंपनी की सेल्स वित्त वर्ष 2020 में 375 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 405 करोड़ रुपये हो गई, जो 2 फीसदी कंपाउंडिंग ग्रोथ है. नेट प्रॉफिट एक ऐसा एरिया है जो कंपनी में दमानी की हिस्सेदारी पर कई सवाल उठाता है. वित्त वर्ष 2020 में MOL का नेट प्रॉफिट 48 करोड़ रुपये था. वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को 25 करोड़ रुपये का घाटा हुआ और वित्त वर्ष 2024 में नेट प्रॉफिट 4 करोड़ रुपये रहा है.
वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2024 के बीच नेट प्रॉफिट में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. EBITDA भी वित्त वर्ष 2020 में 86 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 34 करोड़ रुपये रह गया. मार्च 2020 में MOL के शेयर की कीमत 151 रुपये थी और जनवरी 2022 में इसने 1,200 रुपये का पीक देखा. हालांकि, तब से इसमें गिरावट आ रही है और वर्तमान में यह 408 रुपये (6 मार्च 2025 के समापन के अनुसार) पर कारोबार कर रहा है.
कंपनी का शेयर वर्तमान में 41x के पीई पर कारोबार कर रहा है, जबकि पियर्स की तुलना में इंडस्ट्री का एवरे 29x है. कंपनी के लिए 10 साल का औसत पीई 10x है और उसी अवधि के लिए इंडस्ट्री का एवरेज 23x है.
धैर्य या भविष्यवाणी?
राधाकिशन दमानी, या जैसा कि हम उन्हें भारत के वॉरेन बफेट में से एक कहना पसंद करते हैं, ने अपनी दो माइक्रोकैप कंपनियों, आडवानी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स (एएचआरआईएल) और मंगलम ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एमओएल) के साथ निवेश को जीवंत बनाए रखा है. जबकि एएचआरआईएल ने उल्लेखनीय फाइनेंशियल टर्न अराउंड और ग्रोथ दिखाया है, एमओएल का प्रदर्शन सवाल उठाता है. हाल के वर्षों में एमओएल के नेट प्रॉफिट में 90 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है.
AHRIL का रीजरेक्शन, जिसकी विशेषता बढ़ती सेल्स और मुनाफे से है, सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए उनकी प्राथमिकता के अनुरूप है. दूसरी ओर, MOL के संघर्ष, अपने मजबूत ग्राहक और बाजार स्थिति के बावजूद, दमानी के लगातार इंटरेस्ट को और भी अधिक दिलचस्प बनाते हैं.
निवेशकों के लिए, ये स्टॉक एक रीमाइंडर के रूप में काम करते हैं कि हर दिखने वाले पेचीदा कदम के पीछे धैर्य, दूरदर्शिता और शायद भविष्यवाणी की कहानी छिपी हुई है. क्या ये माइक्रोकैप अपने वादे को पूरा करेंगे, यह देखना अभी बाकी है, लेकिन दमानी का ट्रैक रिकॉर्ड सुनिश्चित करता है कि वे सुर्खियों में बने रहेंगे.
Disclaimer
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इस लेख का उद्देश्य केवल दिलचस्प चार्ट, डेटा पॉइंट और थॉट प्रोवोकिंग राय साझा करना है. यह निवेश की कोई सिफारिश नहीं है. अगर आप निवेश पर विचार करना चाहते हैं, तो आपको अपने सलाहकार से परामर्श करने की सलाह दी जाती है. यह लेख केवल शिक्षाप्रद उद्देश्यों के लिए है.
सुहेल खान एक दशक से भी ज्यादा समय से बाजारों के एक पैशनेट फॉलोअर्स रहे हैं. इस अवधि के दौरान, वे मुंबई स्थित एक प्रमुख इक्विटी रिसर्च संगठन में सेल्स और मार्केटिंग हेड के रूप में एक अभिन्न अंग थे. वर्तमान में, वे अपना अधिकांश समय भारत के सुपर निवेशकों के निवेश और रणनीतियों का विश्लेषण करने में बिता रहे हैं.
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