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Rainbow Children Medicare IPO listing: रेनबो चिल्ड्रेन्स मेडिकेयर के शेयरों में 10 मई 2022 से ट्रेडिंग शुरू हो गई है. (Image: pixabay)
Rainbow Children's Medicare IPO Shares List: देश की लीडिंग मल्टी स्पेशिएलिटी पेडियाट्रिक और गाइनी हॉस्पिटल चेन रेनबो चिल्ड्रेन्स मेडिकेयर (Rainbow Children’s Medicare) की आज स्टॉक मार्केट में कमजोर लिस्टिंग हुई है. शेयर आज बीएसई पर 7 फीसदी डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ है. IPO के तहत इश्यू प्राइस 542 रुपये था, जबकि बीएसई पर यह 506 रुपये पर लिस्ट हुआ है. यानी लिस्टिंग पर शेयर ने निवेशकों को 36 रुपये प्रति शेयर या करीब 7 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया है. इस IPO को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और यह करीब 12 गुना सब्सक्राइब हुआ था. बता दें कि 9 मई को फफटवियर बनाने वाली कंपनी कैंपस की बाजार में जोरदार लिस्टिंग हुई थी.
निवेशकों को क्या करना चाहिए
Swastika Investmart Ltd के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि बाजार में वोलेटिलिटी के चलते Rainbow Children's Medicare की लिस्टिंग कमजोर हुई है. अभी मार्केट सेंटीमें कमजोर चल रहे हैं. वहीं हॉस्पिटल बिजनेस में अभी निवेशकों का भरोसा जम नहीं पा रहा है. हालांकि कंपनी मजबूत है और मैनेजमेंट अनुभवी है. कंपनी का स्पेशलाइज्ड नेचर का बिजनेस है. कंपनी के पास हाई क्वालिटी की मेडिकल टीम है. कोविड के बद कंपनी का मुनाफा भी ट्रैक पर लौट रहा है. हालांकि यह शेयर उन्हीं निवेशकों को होल्ड रखना चाहिए, जो एग्रेसिव हैं और जिनका नजरिया लंबी अवधि का है. लिस्टिंग गेंस के लिए जिन्होंने अप्लाई किया था, वे 500 रुपये पर स्टॉप लॉस लेकर चलें.
IPO 12 गुना हुआ था सब्सक्राइब
Rainbow Children’s Medicare के IPO को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था. यह ओवरआल 12 गुना सब्सक्राइब हुआ था. इस आईपीओ के तहत 50 फीसदी हिस्सा QIB के लिए रिजर्व था और इसे 38.90 गुना बोलियां मिली थीं. रिटेल निवेशकों के लिए इसमें 35 फीसदी हिस्सा रिजर्व था और इसे हिस्से को 1.38 गुना बोलियां मिलीं. वहीं 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स के लिए रिजर्व था और इसे 3.73 गुना सब्सक्रिप्सन मिला. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 0.31 गुना सब्सक्राइब हुआ था.
IPO की डिटेल
Rainbow Children’s Medicare का 1581 करोड़ रुपये का इश्यू आईपीओ 27 अप्रैल से 29 अप्रैल तक खुला था. इश्यू के तहत प्राइस बैंड 516-542 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. लॉट साइज 27 शेयरों का था और निवेशकों को कम से कम 14634 रुपये का निवेश करना था. इश्यू से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के समय से पहले रिडेम्प्शन, नए अस्पतालों के सेट अप करने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर और इन अस्पतालों के लिए मेडिकल औजार खरीदने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.
कंपनी के बारे में
ब्रिटेन की डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन सीडीसी ग्रुप पीएलसी की रेनबो ने भारत में सबसे पहले हैदराबाद में 1999 में 50 बिस्तरों का पीडियाट्रिक स्पेशियल्टी हॉस्पिटल शुरू किया था. अभी की बात करें तो 20 दिसंबर 2021 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक रेनबो के देश के छह शहरों में 14 अस्पताल और 3 क्लीनिक हैं. यह 1500 बेड ऑपरेट करती है. यह बच्चों से जुड़ी सभी स्वास्थ्य समस्याओं, गर्भवती महिलाओं से जुड़ी दिक्कतों के लिए और फर्टलिटी केयर जैसी सर्विसेज मिलती है.
कंपनी के फाइनेंशियल
कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 में 44.59 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में मुनाफा बढ़कर 55.34 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2020-21 में यह घटकर 39.57 करोड़ रुपये पर आ गया. जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीनों में कंपनी का मुनाफा 126.41 करोड़ रुपये हो गया.
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