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बिग बुल राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी की रैलिस इंडिया में 9.93 फीसदी की हिस्सेदारी है.
Jhunjhunwala Portfolio News: दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल एक स्टॉक के भाव पिछले एक हफ्ते में 6 फीसदी टूट चुके हैं. जून 2021 तिमाही के कमजोर वित्तीय नतीजों के चलते एग्रोकेमिकल कंपनी Rallis India शेयरों में बिकवाली हो रही है. आज शुक्रवार 23 जुलाई के कारोबारी दिन ही इसके शेयरों में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट हुई है. अनुमान के विपरीत कमजोर ऑपरेशनल परफॉर्मेंस के चलते अप्रैल-जून 2021 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 1.4 फीसदी की गिरावट के साथ 82.3 करोड़ रुपये पर आ गया. हालांकि कंपनी के रेवेन्यू में इस दौरान 11.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. कमजोर वित्तीय नतीजों के चलते कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स ने इस स्टॉक को डाउनग्रेड कर 300 रुपये के फेयर वैल्यू पर 'सेल' रेटिंग दिया है.
बिग बुल राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी की इस कंपनी में 9.93 फीसदी की हिस्सेदारी है. बिग बुल ने रैलिस इंडिया में जुलाई-सितंबर 2020 में अपनी हिस्सेदारी कम किया था. इससे पहले उनकी हिस्सेदारी कंपनी में 10.3 फीसदी थी.
कोटक सिक्योरिटीज: सेल रेटिंग, फेयर वैल्यू- 300 रुपये
आज सुबह रैलिस इंडिया के शेयर 2.7 फीसदी की गिरावट के साथ 317 रुपये प्रति शेयर के भाव तक लुढ़क गए थे, हालांकि इसके बाद इसमें कुछ रिकवरी हुई और इस समय इसके भाव करीब 322 रुपये हैं. कोटक सिक्योरिटीज के एनालिस्ट्स के मुताबिक कच्चे माल के महंगे होने और फिक्स्ड एक्सपेंसेज में बढ़ोतरी के चलते रैलिस इंडिया के ईबीआईटीडीए में 5 फीसदी की गिरावट आई है. पूंजी खर्च में देरी, कच्चे माल के बढ़ते भाव और खरीफ सत्र में कमजोर प्रदर्शन के चलते कोटक सिक्योरिटीज में FY2022-23E में ईबीआईटीडीए एस्टीमेट्स में 8-10 फीसदी की कटौती की है. कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक कंपनी पूंजीगत खर्चों को लेकर सावधानी बरत रही है और इस बात की आशंका बनी हुई है कि इस पर रिटर्न कम मिल सकता है.
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आईसीआईसीआई डायरेक्ट: बाई रेटिंग, टारगेट प्राइस- 400 रुपये
कोटक सिक्योरिटीज के विपरीत आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने रैलिस इंडिया स्टॉक को बाई रेटिंग दी है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक कंपनी के पूंजीगत खर्च के चलते इसका प्रदर्शन बेहतर रहने वाला है. घरेलू और विदेशी क्रॉप केयर बिजनेस में बेहतर ग्रोथ की संभावना दिख रही है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक इंटरनेशनल मार्केट में प्रमुख मॉलिक्यूल्स के लिए कम दाम के दबाव के अलावा बेहतर वॉल्यूम ग्रोथ की संभावना और तकनीकी इंटीग्रेशन के चलते ग्रॉस मार्जिन में सुधार हो सकता है. इसके अलावा कस्टम सिंथेसिस/सीआरएएमएस बिजनेस रेवेन्यू में बढ़ोतरी के चलते भी स्टॉक को लेकर बेहतर आउटलुक दिख रहा है.
(Article: Kshitij Bhargava)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इस निवेश सलाह की जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)