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In the third quarter of the fiscal year, ace investor Rakesh Jhunjhunwala was once again a busy man.
बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला चाहते हैं कि भारतीय इक्विटी में निवेश करें और सेक्टर आवंटन की चिंता नहीं करें क्योंकि उन्हें विदेशी फंड इनफ्लो की सुनामी की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि अगले चार से पांच सालों में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 से 9 फीसदी रहने की उम्मीद है, जिससे अलग-अलग सेक्टरों में ज्यादा फंड आएंगे. सीएनबीसी टीवी 18 को दिए अपने इंटरव्यू में अरबपति निवेशक ने कहा कि भारतीयों को पहले होटल पहुंचने और फिर मैन्यू में देखने की जरूरत है.
उन्होंने जोर दिया कि भारतीय पहले इक्विटी में निवेश करना शुरू करें और फिर सेक्टर आवंटन को लेकर चिंता करें.
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर लगाया दांव
इस बारे में बात करते हुए कि उनके मुताबिक शेयर बाजार में अगले बड़े विजेता कहां से आएंगे, उन्होंने कहा कि ये सबसे मात खात हुए सेक्टर्स हो सकते हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, धातुओं के सेक्टर ऐसे कुछ नाम हैं जिनका उन्होंने सुझाव दिया. उनके मुताबिक, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) का बायबैक ऑफर संकेतक है कि सरकार उसके एसेट्स का वैल्यूएशन बढ़ाना चाहती है. हालांकि, उन्होंने सरकार के अपने एसेट्स को बेहतर तरीके के लिए सरकार के रवैये में बदलाव की वकालत भी की.
फार्मा सेक्टर में भारत की क्षमता पर भी बात
फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को लेकर अपने विचार रखते हुए झुनझुनवाला ने कहा कि भारत के पास फार्मा के क्षेत्र में दुनिया का राजा बनने की क्षमता है. भारत की API मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने डिमांड में तेज बढ़ोतरी देखी है और शेयर की कीमत ने वहीं बढ़ते ट्रेंड की ओर संकेत दिया है. पिछले साल तक चीन दुनिया की API डिमांड का एकमात्र योगदान देने वाला रहा था. हालांकि, अब भारतीय कंपनियां सरकार की सहायता के साथ चीन से शिफ्ट कंपनियों का लाभ लेने के लिए काम कर रही हैं. हालांकि, राकेश झुनझुनवाला ने जोड़ा कि भारत के लिए अब सब कुछ थीम रहेगी.