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RBI के ड्रॉफ्ट प्लान के तहत बैंक के सभी कर्मचारी अगले कम से कम एक साल तक समान वेतन पर काम करते रहेंगे. (AP)
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Yes Bank Crisis: नकदी की भारी किल्लत और चिंताजनक गवर्नेंस के मसलों से जूझ रहे यस बैंक (Yes Bank) के लिए रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को ड्रॉफ्ट रिवाइवल प्लान का एलान कर दिया. RBI के प्लान के तहत निवेशक बैंक को रीकंस्ट्रक्टेड बैंक में 49 फीसदी तक शेयर के लिए निवेश करना होगा. RBI की ओर से जारी ‘Yes Bank Ltd. Reconstruction Scheme, 2020' के तहत रीकंस्ट्रक्टेड यस बैंक के सभी कर्मचारियों को कम से कम एक साल के लिए समान वेतन मिलता रहेगा. SBI ने यस बैंक में निवेश करने के लिए आगे आया है. वह 2,450 करोड़ रुपये में यस बैंक में हिस्सेदारी खरीद सकता है.
बता दें, रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सरकार से मशविरा करने के बाद यस बैंक पर रोक लगाई और उसके बोर्ड को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है. वहीं, बैंक के ग्राहकों पर भी 50,000 रुपये मासिक तक निकासी करने की लिमिट लगाई है. यस बैंक किसी भी तरह का नया लोन नहीं दे सकेगा या न ही नया निवेश कर सकेगा.
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9 मार्च जनता दे सकती है सुझाव: RBI
RBI का कहना है कि SBI ने यस बैंक में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है. ड्रॉफ्ट के अनुसार, एसबीआई निवेशक बैंक के रूप में रीकंस्ट्रक्शन स्कीम में हिस्सा लेगा. आम जनता 9 मार्च में ड्रॉफ्ट प्लान पर अपने सुझाव या टिप्पणी दे सकती है. आरबीआई की योजना बैंक की अथराइज्ड कैपिटल 5000 करोड़ रुपये पर लाने की है. साथ ही इविक्टी शेयर भी 2,450 करोड़ शेयर 2 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 48,000 करोड़ रुपये में खरीदे जाएंगे.
तीन साल SBI नहीं घटा पाएगा शेयर
केंद्रीय बैंक के प्रस्ताव के तहत, निवेशक बैंक यानी एसबीआई की निवेश के बाद 49 फीसदी हिस्सेदारी होगी. प्रति शेयर भाव 10 रुपये (फेस वैल्यु 2 रुपये और 8 रुपये प्रीमियम). से कम नहीं होगा. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि स्ट्रैटिजिक निवेशक बैंक तीन साल से पहले यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26 फीसदी से नीचे नहीं ला सकेंगे.
रिवाइवल प्लान के तहत कैपिटल इनफ्यूजन के बाद नए यस बैंक के बोर्ड का गठन होगा. रीकंस्ट्रक्टेड बैंक के निदेशक मंडल के पास प्रमुख के पास प्रमुख प्रबंधन पद पर कार्यरत लोगों की सेवाएं समाप्त करने की स्वतंत्रता होगी. वहीं, निवेशक बैंक के दो नामित निदेशक यस बैंक के बोर्ड में होंगे.
नहीं जाएगी किसी की नौकरी
आरबीआई के रिवाइवल प्लान के तहत, यस बैंक की किसी की नौकरी नहीं जाएगी. रीकंस्ट्रक्टेड बैंक के सभी कर्मचारी से पहले से तय सेवा शर्तों के आधार पर काम करते रहेंगे. कम से कम एक साल तक सभी कमर्चारी समान वेतन—भत्तों पर अपनी सेवाएं जारी रखेंगे. रिवाइवल के बाद बैंक के आफिस या ब्रांच में कोई बदलाव नहीं होगा. वो पहले की तरह उसी स्थान पर चलते रहेंगे.
बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स को लोन दिये: वित्त मंत्री
इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केंद्रीय बैंक को यस बैंक की गड़बड़ियों की जांच करने के लिए कहा गया है. साथ ही इसमें जिन लोगों की भूमिका है, उन्हें चिन्हित करने के लिए भी कहा गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि जनवरी 2020 गड़बड़ी के चलते बैंक के आडिटर का इस्तीफा हुआ था. 2017 के बाद से यस बैंक पर आरबीआई की नजर है. पिछले 6 महीने से बैंक की मॉनिटरिंग की जा रही है.
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यस बैंक की हालत 2014 के पहले से ही खराब थी. यस बैंक ने कई जोखिम भरे फैसले किया. यस बैंक ने कॉक्स एंड किंग, कैफे कॉफी डे और जेट एयरवेज जैसे बड़े कॉरपोरेट डिफॉल्टर्स को लोन दिया. वित्त मंत्री ने कहा, ''अनिल अंबानी ग्रुप, डीएचएफएल, वोडाफोन, एस्सेल ग्रुप कुछ ऐसे कॉरपोरेट्स हैं जिनमें यस बैंक का एक्सपोजर 2014 से पहले का है.''