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रिजर्व बैंक के मास्टर प्लान के तहत लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस में विलय होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से नियुक्त लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के प्रशासक टीएन मनोहरन ने बुधवार को कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा लौटाने के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी है. उन्होंने कहा कि अभी हमारी शीर्ष प्राथमिकता बैंक के जमाकर्ताओं को यह भरोसा दिलाना है कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. आरबीआई प्रशासक ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक का तय समय में विलय पूरा हो जाने का भरोसा जताया है.
मनोहरण ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के पास 20,000 करोड़ रुपये डिपाजिट और 17,000 करोड़ रुपये एडवांस हैं. एडवांस से मतलब यह है कि बैंक ने इनती रकम कर्ज के रूप में दे रखी है. मंगलवार को ही आर्थिक संकट से जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक को आरबीआई ने मोरेटोरियम में डाल दिया था. साथ ही अगले 6 महीनों तक कई तरह की पाबंदी लगा दी. इसके तहत इस दौरान बैंक ग्राहक 25 हजार रुपये से ज्यादा रकम बैंक से नहीं निकाल पाएंगे. आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया था.
RBI ने बनाया मास्टर प्लान
भारी संकट में लक्ष्मी विलास बैंक को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ने मास्टर प्लान बनाया है. इसके तहत, लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक में विलय होगा. आरबीआई के प्लान के मुताबिक सिंगापुर सरकार समर्थित डीबीएस, लक्ष्मी विलास बैंक में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसके तहत लक्ष्मी विलास बैंक की 560 शाखाओं के जरिए डीबीएस बैंक की पहुंच इसके होम, पर्सनल लोन और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री लोन ग्राहकों तक हो जाएगी. दूसरी ओर, लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को भी फायदा होगा.
इससे पहले, आरबीआई ने कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती रही है. पिछले तीन साल में नुकसान के चलते इसका नेटवर्थ खत्म हो चुका है. किसी तरह की रणनीतिक योजना नहीं होने, घटते एडवान्स और बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स की वजह से नुकसान जारी रहने की उम्मीद है.