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RBI MPC: आरबीआई ने दरों में नहीं किया कोई बदलाव, कोरोना के चलते जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में किया संशोधन

RBI MPC: केंद्रीय बैंक RBI की मॉनिटरी पॉलिसी में हर दो महीने पर वाले रिव्यू में पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

RBI MPC: केंद्रीय बैंक RBI की मॉनिटरी पॉलिसी में हर दो महीने पर वाले रिव्यू में पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

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RBI keeps interest rates unchanged continues with accommodative stance to revive and sustain growth on sustainable basis

रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है और रिवर्स रेपो रेट भी पहले की ही तरह 3.35 फीसदी पर बनी रहेंगी.

RBI MPC: केंद्रीय बैंक RBI की मॉनिटरी पॉलिसी ने हर दो महीने वाली रिव्यू में पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यह लगातार छठीं बार है, जब आरबीआई ने इन दरों को स्थिर रखा है. इसका मतलब हुआ कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखा गया है और रिवर्स रेपो रेट भी पहले की ही तरह 3.35 फीसदी पर बनी रहेंगी. कोरोना महामारी व इसके चलते आर्थिक चुनौतियों से निपटने व रिकवरी जारी रखने के लिए सिस्टम में लिक्विडिटी बनी रहे, इसलिए आरबीआई ने दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. इससे पहले एनालिस्ट्स और रेटिंग एजेंसियों ने भी अनुमान लगाया था कि आरबीआई इन दरों को अपरिवर्तित रख सकता है.

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट को भी 4.25 फीसदी पर स्थिर रखा गया है.इसके अलावा आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी की विकास दर के अनुमान में संशोधन करते हुए इसे 9.5 फीसदी कर दिया. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 10.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था.

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40 हजार करोड़ की सिक्योरिटीज खरीदेगा RBI

आरबीआई जीएसएपी के तहत 17 जून को 40 हजार करोड़ की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की खरीदारी करेगा. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसमें से 10 हजार करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज स्टेट डेलवपमेंट लोन्स (एसडीएलएस) की खरीदारी के रूप में होगी. आरबीआई चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1.20 लाख करोड़ रुपये की सिक्योरिटीज खरीदेगी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दूसरी लहर के प्रभावों को कम करने के लिए अलग से 15 हजार करोड़ का लिक्विडिटी विंडो बनाया जाएगा जिसके तहत बैंक होटल-रेस्टोरेंट और टूरिज्म इंडस्ट्री इत्यादि को कर्ज दिया सकेगा. यह योजना इस वित्त वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी. इसके अलावा एमएसएमईज को सपोर्ट देने के लिए सिडबी को 16 हजार करोड़ रुपये की लिक्विडिटी फैसिलिटी दी जाएगी.

चालू वित्त वर्ष में 5.1 फीसदी रहेगी खुदरा महंगाई

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में 5.1 फीसदी पर खुदरा महंगाई रहने का अनुमान लगाया है. यह प्रोजेक्शन मॉनिटिरी पॉलिसी कमेटी के लक्ष्य के मुताबिक है क्योकि कमेटी का लक्ष्य महंगाई दर 4 फीसदी से 2 फीसदी कम या अधिक तय किया गया है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक रहेगा. आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स इंफ्लेशन 2021-22 के लिए 5.1 फीसदी पर प्रोजेक्ट किया गया है. आरबीआई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.3 फीसदी रह सकती है.

FY22 में 9.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी जीडीपी

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की दर से जीडीपी के बढ़ने का अनुमान लगाया है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर के केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में अपने अनुमान 10.5 फीसदी की जीडीपी बढ़ोतरी को संशोधित करते हुए इसे आज 9.5 फीसदी किया है. आरबीआई के मुताबिक FY22 की पहली तिमाही में जीडीपी 18.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. FY21 में इकोनॉमी 7. फीसदी की दर से सिकुड़ गई थी, हालांकि अंतिम तिमाही में यह 1.6 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

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