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आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनी डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल ( Diners Club International) पर लगी पाबंदियां हटा दी हैं. इसके साथ ही ही उसे नए घरेलू ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने की भी इजाजत मिल गई है. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि डाइनर्स क्लब पर लगी पाबंदियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है.
लोकल डेटा स्टोरेज नियमों के उल्लंघन की वजह से लगी थी पाबंदी
आरबीआई ने लोकल डेटा स्टोरेज के मामले में नियमों का उल्लंघन करने पर डाइनर्स क्लब को नए कस्टमर जोड़ने से रोक दिया था. आरबीआई (RBI) ने यह आदेश 23 अप्रैल को जारी किया था, जिसमें लोकल डेटा स्टोरेज से जुड़े केंद्रीय बैंक के मानकों का पालन न करने पर 1 मई से पाबंदी लगाई गई थी.
अमेरिकन एक्सप्रेस, मास्टरकार्ड पर जारी है पाबंदी
आरबीआई ने 23 अप्रैल को डाइनर्स क्लब और अमेरिकन एक्सप्रेस (AMERICAN EXPRESS) को नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया था. बाद में इसने 22 जुलाई से मास्टरकार्ड (MASTER CARDS) को भी नए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया था. इन सभी क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनियों को लोकल डेटा स्टोरेज पर आरबीआई के मानकों का पालन न करने का दोषी पाया गया था.
लोकल डेटा स्टोरेज का मामला अनसुलझा
आरबीआई का अमेरिकन एक्सप्रेस और मास्टरकार्ड पर बैन जारी है. डाइनर्स क्लब ने भारत में कितने कार्ड जारी किए हैं, इसका अलग से कोई डेटा नहीं है. यह यहां बैंकों से जुड़े कर काम करता है. भारत में इसका प्रमुख पार्टनर एचडीएफसी बैंक है. अमेरिकन एक्सप्रेस देश में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली सातवीं बड़ी कंपनी है. जबकि मास्टरकार्ड दूसरी बड़ी कंपनी है. लोकल स्टोरेज का सवाल काफी पेचीदा बनता जा रहा है. भारत सरकार का कहना है कंपनियों को अपना डेटा लोकल सर्वर में रखना होगा. विदेशी सर्वर पर ये डेटा नहीं रखे जाएंगे. वहीं कुछ कंपनियां अपना डेटा लोकल सर्वर पर नहीं रखना चाहतीं.