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Capital Market: रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी के बाद आज शेयर बाजार में बिकवाली देखने को मिली है. (file image)
RBI Policy Impact on Capital Market: रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट को पहले की तरह 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. बता दें कि इसके पहले जून 2023 और अप्रैल 2023 की पॉलिसी में भी दरों में बदलाव नहीं हुआ था. हालांकि उसके पहले मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच 6 बार ब्याज दरों में इजाफा किया गया था. हालांकि घरेलू और ग्लोबल स्तर पर महंगाई की चिंता अभी भी बनी हुई है. वित्त वर्ष 2024 के अंत तक इसके तय टारगेट 4 फीसदी के पार रहने का अनुमान है. हालांकि इस पॉलिसी में वित्त वर्ष 2024 के लिए महंगाई के अनुमान को 5.1 फीसदी से बढ़ाकर 5.4 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि केंद्रीय बैंक की इस पॉलिसी का बाजार पर क्या असर होगा, क्या आगे दरों को होल्ड रखा जाएगा या बदलाव होगा.
क्या निफ्टी में बढ़ेगी गिरावट
Swastika Investmart के रिसर्च हेड- संतोष मीना का कहना है कि जैसा कि व्यापक रूप से अनुमान लगाया गया था, नीतिगत दरों में बदलाव नहीं हुआ है. हालांकि आरबीआई ने महंगाई के पूर्वानुमान में बढ़ोतरी की है. इसके अतिरिक्त, बैंकों के लिए 19 मई से 28 जुलाई के बीच शुद्ध मांग और समय देनदारियों (एनडीएल) में बढ़ोतरी पर 10% इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) इम्प्लीमेंटेशन ने बाजार की बेचैनी बढ़ा दी है. इन घटनाक्रमों के बावजूद, नीतिगत बदलाव ने बाजार के सेंटीमेंट पर कोई खास असर नहीं डाला.
फिलहाल, नीतिगत बदलावों से बाजार की धारणा काफी हद तक अप्रभावित नजर आ रही है. हालांकि, शॉर्ट टर्म मार्केट स्ट्रक्चर सेल ऑन राइज पैटर्न की ओर झुकती दिख रही है. यह आंशिक रूप से वैश्विक बाजार की घबराहट के कारण है, जो कच्चे तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों में उछाल से बढ़ गई है. जिससे भारतीय बाजार के लिए उल्लेखनीय चुनौतियां पैदा हो रही हैं. बाजार के अटेंशन का फोकस प्वॉइंट आज शाम जारी होने वाले अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों की ओर ट्रांसफर होने की उम्मीद है. अगर निफ्टी 20 डे मूविंग एवरेज (20-DMA) 19650 के लेवल को पार करने में सफल नहीं रहता है तो यह रिस्क है कि निफ्टी पहले 19191 और फिर 18888 के लेवल तक नीचे आ सकता है.
बॉन्ड मार्केट का क्या रहेगा हाल
मिरे इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के CIO – फिक्स्ड इनकम, महेंद्र जाजू का कहना है कि पिछले महीने में, कमोडिटी और सब्जियों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए बॉन्ड यील्ड पहले ही हाल के निचले स्तर से लगभग 20 बीपीएस बढ़ गई थी. इसलिए आरबीआई पॉलिसी से बॉन्ड यील्ड का रिएक्शन बढ़ी हुई अस्थिरता के साथ म्यूटेड रहा. हालांकि CRR पर एक्शन के जवाब में मनी मार्केट रेट्स 10-15 बीपीएस तक कठोर हो गईं.
वैश्विक स्तर पर और साथ ही घरेलू स्तर पर व्यापक आर्थिक अनिश्चितताओं की पृष्ठभूमि में महंगाई के और हाई लेवल पर पहुंचने की संभावना है, लेकिन बाजार ने पहले से ही उस सिनेरियो में फैक्टरिंग को करेक्ट कर लिया है. बांड यील्ड के नियर टर्म में रेंजबाउंड रहने का अनुमान है, लेकिन हाई वोलेटिलिटी के साथ और आगे आने वाले डाटा से गाइडेंस ले सकता है.
क्या आगे ब्याज दरों में होगी कटौती
बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर- फिक्स्ड इनकम, प्रशांत पिंपले का कहना है कि जैसा कि अनुमान था, आरबीआई ने अपनी प्रमुख दर को 6.50% पर बिना किसी बदलाव के बनाए रखा है और महंगाई को 4 फीसदी टारगेट बैंड के भीतर बनाए रखने पर कायम है. महंगाई पर रिजर्व बैंक किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है, जिसके चलते विद्ड्रॉल ऑफर अकोमोडेशन यानी समायोजन वापस लेने के अपने रुख को बरकरार रखा है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के सभी 6 सदस्यों ने ग्रोथ इनफ्लेशन डायनामिक्स और लिक्विडिटी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ब्याज दर को स्थिर रखने का निर्णय लिया है. फरवरी 2023 तक रेट हाइक की एक सीरीज के बाद आरबीआई ने ऑनशोर ग्रोथ का समर्थन करने के लिए वर्तमान दर को बरकरार रखा है और उभरती महंगाई की स्थिति और ग्लोबल मॉनेटरी एक्शन को देखते हुए दरों को लंबे समय तक होल्ड बनाए रखने की उम्मीद है.