scorecardresearch

RBI ने 10 गुना बढ़ा दी e-Rupee लिमिट, एक बार से अधिक इस्तेमाल को मंजूरी, जानिए कैसे काम करता है ई-रुपी वाउचर

e-RUPI: केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने आज ई-रुपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर्स की लिमिट को दस गुना बढ़ा दिया है.

e-RUPI: केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने आज ई-रुपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर्स की लिमिट को दस गुना बढ़ा दिया है.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
RBI raises cap on e-RUPI vouchers to Rs 1 lakh allows multiple-usage know what is e rupi and how it works

ई-रुपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को प्राप्त होता है.

e-RUPI: केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने आज ई-रुपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर्स की लिमिट को दस गुना बढ़ा दिया है. आरबीआई ने आज (10 फरवरी) इसकी सीमा को 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा पहले इस वाउचर को सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जा सकता था लेकिन अब इसका लाभार्थी विभिन्न सरकारी योजनाओं की डिजिटल डिलीवरी के लिए कई बार इस्तेमाल कर सकेंगे. यह पेमेंट का एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसे सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचा सकती है और इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए हो सकेगा, जिसके लिए पैसे भेजे गए हैं. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि इन बदलावों के लिए जरूरी इंस्ट्रक्शंस नेशनल पेमेंटे्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अलग से जारी करेगी.

Reliance New Buying: इलेक्ट्रिक वेहिकल सेक्टर में रिलायंस के बढ़ते कदम, इस ईवी टेक कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने का एलान

क्या है ई-रुपी?

Advertisment

ई-रुपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को प्राप्त होता है. यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान है जिसे बिना किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड या मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के खास एस्सेप्टिंग सेंटर्स पर रिडीम कराया जा सकता है. ई-रुपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर को नेशनल पेमेंटे्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने डेवलप किया है. इसे पिछले साल अगस्त 2021 में पर्सन-स्पेशिफिक व पर्पज-स्पेशिफिक कैशलेस वाउचर और सिंगल टाइम रिडेम्प्शन के तौर पर लॉन्च किया गया था.

10 रुपये के सिक्कों को लेकर हो रही किच-किच? केंद्र सरकार ने संसद में दिया यह जवाब

e-RUPI सिस्टम कैसे करता है काम?

लाभार्थी के मोबाइल में क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के रूप में यह यह वाउचर प्राप्त होता है. इसके बाद यूजर्स इसे भुना सकते हैं. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं कि जैसे कि सरकार ने फ्री इलाज को लेकर किसी योजना के तहत लाभार्थी को ई-रुपी भेजा है तो लाभार्थी इसे लेकर अस्पताल जाएगा जहां इसे रिडीम कराया जा सकेगा.

आरबीआई के आज के फैसले से क्या हुआ फायदा?

पहले ई-रुपी पर 10 हजार रुपये का कैप था और यह एक बार में रिडीम कराना होता था. अब आरबीआई द्वारा लिमिट बढ़ाए जाने और कई बार इस्तेमाल को अनुमति दिए जाने से सुविधा बढ़ जाएगी. जैसे कि पहले एक ही बार में वाउचर की पूरी राशि का इस्तेमाल करना होता था लेकिन अब जब तक पूरी राशि खर्च न हो जाए, वाउचर को रिडीम करा सकते हैं. इसके अलावा लिमिट बढ़ाए जाने से सरकारी योजनाओं के तहत डिजिटल डिलीवरी में तेजी आएगी.

Legal Crypto: BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को रूस में मिलेगी मान्यता, दुनिया भर की 12 फीसदी होल्डिंग के चलते लिया बड़ा फैसला

पिछले साल जुलाई में हुआ था लॉन्च

ई-रुपी को पीएम मोदी ने पिछले साल जुलाई में लॉन्च किया था. इसकी लॉन्चिंग के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वाउचर आधारित सिस्टम से देश में डिजिटल तरीके से लेन-देन में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) अधिक प्रभावी होगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दी गई राशि को केवल बताए गए काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

Rbi Shaktikanta Das