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इंडियन ओवरसीज बैंक को मिली राहत. कई पाबंदियां हटीं
आरबीआई ने इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क (PCAF) लिस्ट से बाहर कर दिया है. बैंक ने अलग-अलग मानकों पर अपने प्रदर्शन में सुधार किया था. इसके साथ ही इसने यह लिखित दिया था कि यह न्यूनतम पूंजी मानक को बरकरार रखेगा. इसके बाद ही आरबीआई ने इसे राहत देने का फैसला किया.
बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद आरबीआई ने लिया फैसला
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद फाइनेंशियल सुपरविजन बोर्ड ने पाया कि बैंक ने पीसीए पैरामीटर का उल्लंघन नहीं किया है. बैंक के प्रदर्शन की समीक्षा 2020-21 के वित्तीय नतीजों के आधार पर की गई. बैंक ने आरबीआई में लिखित में यह वादा किया है कि यह मिनिमम रेगुलेटरी कैपिटल नॉर्म्स का पालन करेगा. साथ ही इसने नेट एनपीए और लिवरेज रेश्यो मानकों के पालन करने का भी वचन दिया है. इसने आरबीआई को इस बात की जानकारी दी है कि यह अपने स्ट्रक्चर और सिस्टम में सुधार करने के लिए कौन से कदम उठा रहा है. इससे बैंक अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सकेगा.
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PCAF लिस्ट में आने पर लगती हैं कई पाबंदियां
PCAF फ्रेमवर्क की लिस्ट में शामिल बैंकों पर आरबीआई कई तरह की पाबंदियां लगाता है. ऐसे बैंकों को नए लोन बांटने, शाखाएं खोलने, डिविडेंड देने सहित कारोबार से संबंधित कई तरह के कदम उठाने से रोक दिया जाता है. अब इस फ्रेमवर्क की लिस्ट से बाहर आने के बाद इंडियन ओवरसीज बैंक पर से ये पाबंदिया हट जाएंगीं. हाल ही में आरबीआई ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक (UCO Bank) को भी पीसीए फ्रेमवर्क की लिस्ट से बाहर किया था.
क्या है PCA फ्रेमवर्क?
प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क या पीसीए फ्रेमवर्क के तहत किसी बैंक के कमजोर वित्तीय पहलुओं पर नजर रखा जाता है. यह काम आरबीआई की निगरानी में होता है. अगर कोई बैंक कैपिटल रेश्यो, एसेट क्वालिटी और प्रॉफिटेबिलिटी जैसे मामलों में एक निश्चित सीमा के नीचे जाता है तो उस बैंक को जोखिम भरा माना जाता है. इसके बाद इस पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती है ताकि बैंक अपने कामकाज में सुधार ला सके और अपनी स्थिति बेहतर कर सके.