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RBI to Buy Bond: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का प्लान अगले फाइनेंशियल ईयर में 3 लाख करोड़ (4100 करोड़ डॉलर) के बांड खरीदने का है.
RBI to Buy Bond: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का प्लान अगले फाइनेंशियल ईयर में 3 लाख करोड़ (4100 करोड़ डॉलर) के बांड खरीदने का है. ऐसा सरकार के बॉरोइंग प्रोग्राम को सपोर्ट करने के लिए किया जाएगा. ब्लूमबर्ग के अनुसार एक सरकारी सूत्र ने इस बात की जानकारी दी है. वहीं इस महीने भी आरबीआई द्वारा 10 फरवरी को ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) से भारत सरकार से बॉन्ड खरीदकर सरकार को 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज मुहैया कराने की खबर है. बाजार में ऐसी खबरें आने के बाद 10 साल का बॉन्ड यील्ड में कमी आई है और यह 6.071 फीसदी से घटकर 6.031 फीसदी पर आ गया है. बता दें कि सरकार ने पिछले साल अपने बॉरोइंग प्लान का एलान किया था जिसके बाद 10 साल वाले बॉन्ड का यील्ड बढ़ गया था.
लिक्विडिटी सपोर्ट पर फोकस
बता दें कि इसके पहले शुक्रवार को आरबीआई ने मॉनेटरी पॉलिसी का एलान करते हुए ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया था. रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया था. वहीं लिक्विडिटी को लेकर आरबीआई का रुख नरम रहा. आरबीआई का कहना था कि जब भी जरूरत होगी सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी के उपाय किए जाएंगे. वहीं इसके अलावा आरबीआई ने यह भी एलान किया कि छोटे निवेशक अब आरबीआई के जरिए सीधे सरकारी बॉन्ड में निवेश कर पाएंगे. इसके लिए उन्हें आरबीआई में अकाउंट खुलवाना होगा. आरबीआई के इन सभी एलानों को एक्सपर्ट बॉन्ड मार्केट के लिए पॉजिटिव मान रहे हैं. आरबीआई ने एलटीआरओ जैसे उपाय भी किए हैं.
बॉन्ड मार्केट के लिए अच्छी खबर
एक्सपर्ट का कहना है कि लिक्विडिटी के उपायों से बॉन्ड मार्केट को स्टेबल रखने की कोशिश है. सरकार द्वारा लिक्विडिटी के जो उपाय किए गए हैं, वे बांड मार्केट के लिए पॉजिटिव हैं. इसका फायदा डेट म्यूचुअल फंड्स को भी पहुंचने की उम्मीद है. बीएनपी फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि सरकार का बॉन्ड यील्ड को 6 फीसदी या इससे कम पर बनाए रखने की कोशिश है. निश्चित तौर पर आरबीआई के इन उपायों से बॉन्ड मार्केट स्टेबल रहेगा. सिस्टम में आने से फंडिंग चैनल आपरेशन को बनाए रखने में मदद मिलेगी और साथ ही वित्तीय अव्यवस्था को कम करने में भी मदद मिलेगी. इसका फायदा डेट मार्केट के साथ इक्विटी को भी मिलेगा.
उनका कहना है कि ऐसे निवेशकों को सरकारी बॉन्ड में पैसा लगाना चाहिए जो एफडी जैसे परंपरागत निवेश के विकल्प खोज रहे हों. आगे सरकारी बॉन्ड में बेहतर रिटर्न दिख रहा है. वहीं डेट कटेगिरी की बात करें तो मिड से लांग ड्यूरेशन वाले फंड सही विकल्प रहेंगे. बैंकिंग एंड पीएसयू फंड भी अभी आकर्षक हैं. हालांकि निवेश के पहले पेपर की क्वालिटी जरूर देख लें.