/financial-express-hindi/media/post_banners/fOxuHy1ynj8VT7j44PZe.jpg)
The RBI is widely expected to keep repo and reverse repo rates unchanged for the seventh time in a row
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि केंद्रीय बैंक एक डिजिटल करंसी पर काम कर रहा है. जोकि पूरी तरह क्रिप्टोकरंसी से अलग होगी. तकनीकी क्रांति के दौर में हम पीछे नहीं रहना चाहते हैं. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों को अपनाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर कुछ अहम चिंताएं हैं. इससे पहले, सरकार ने भी संसद में कहा था कि वह जल्द ही क्रिप्टोकरंसी पर बिल लेकर आएगी, क्योंकि मौजूदा कानून नाकाफी है.
भारत में अभी तक बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरंसी लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा नहीं है. इसलिए क्रिप्टोकरंसी पर टैक्सेशन विवादित मुद्दा है और यह कानूनी समस्याएं खड़ी कर सकता है.
RBI is working on a Central bank digital currency, which far different from cryptocurrencies. We don't want to be left behind in technological revolution. The benefits of blockchain technology need to be capitalised. We've certain concerns regarding cryptocurrencies: RBI Governor pic.twitter.com/cvkPdbqiGm
— ANI (@ANI) February 25, 2021
सरकार जल्द लाएगी क्रिप्टोकरंसी पर बिल
सरकार जल्द ही क्रिप्टोकरंसी पर बिल लेकर आएगी, क्योंकि मौजूदा कानून इससे संबंधित मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने संसद में यह जानकारी दी थी. उनका कहना था कि नियामक संस्थाएं जैसे RBI और SEBI के पास क्रिप्टोकरंसी को सीधे तौर पर रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था मौजूद नहीं है. क्योंकि वे पहचान किए जा सकने वाले यूजर्स द्वारा जारी करंसी, एसेट्स, सिक्योरिटी या कमोडिटी नहीं हैं. मौजूदा कानून इस मामले से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. बता दें, एक इंटर-मिनीस्टीरियल कमिटी वर्चुअल करेंसी से संबंधित मामलों पर अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है. कैबिनेट सचिव की अगुवाई में सचिवों की कमेटी भी अपनी रिपोर्ट दे चुकी है.
क्रिप्टोकरंसी पर एक बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही कैबिनेट को भेजा जाएगा. आरबीआई ने अप्रैल 2018 में एक सर्कुलर के जरिए सभी इकाइयों को सुझाव दिया था कि वे वर्चुअल करेंसी (VCs) में नहीं डील करें या इसमें डील या VC सेटल कर रहे किसी व्यक्ति या इकाई को मदद नहीं करे. यहां यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2020 एक फैसले में आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था.