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रियल एस्टेट सेक्टर में देश की GDP दोगुना करने की क्षमता, RERA से बाजार में लौटा भरोसाः राजीव कुमार

यूपी रेरा चेयरमैन राजीव कुमार का कहना है कि कम बेहतर प्रदर्शन वालों को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा और बदनाम बिल्डरों को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा.

यूपी रेरा चेयरमैन राजीव कुमार का कहना है कि कम बेहतर प्रदर्शन वालों को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा और बदनाम बिल्डरों को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा.

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FE Online
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real estate regulatory authority, RERA re-established trust between real estate businessmen and buyers, up rera

Image: Reuters

रेरा (RERA) कानून की वजह से रियल स्टेट कारोबारी और खरीदारों के बीच खोया विश्वास फिर से कायम करने में मदद मिली है. जल्द ही हमें यह देखने को मिलेगा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले बिल्डर ही बाजार में टिकेंगे. यह बात यूपी रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने मंगलवार को पीएचडी चैंबर के एक वर्चुअल कार्यक्रम में कही. राजीव कुमार ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में देश की विकास दर (GDP) को दोगुना करने की क्षमता है. रेरा कानून की वजह से खरीदार अब बाजार में वापस लौट रहे हैं. जिससे अंततः रियल एस्टेट सेक्टर को ही फायदा होगा

यूपी रेरा चेयरमैन का कहना है कि कम बेहतर प्रदर्शन वालों को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा और बदनाम बिल्डरों को अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा. करीब 20 फीसदी बिल्डर ही इस तीसरी श्रेणी में आते हैं. जिनके कारोबारी तौर तरीके आपत्तिजनक और कानून के विरुद्ध हैं. इनकी वजह से ही आज रेरा (Real Estate Regulatory Authority) जैसे कानून की जरूरत पैदा हुई है. रेरा कानून की सफलता सही मायनों में तब मानी जाएगी. जब रेरा अदालत में शिकायतें आना बेहद कम या खत्म हो जाए.

यूपी ने सबसे पहले लागू किया RERA

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कार्यक्रम में उद्योगपति व पीएचडी चैंबर के यूपी चेयरमैन ललित खेतान ने कहा कि केंद्रीय रेरा कानून को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है. पूरे देश में रेरा का पहला कॉनक्लेव भी उत्तर प्रदेश में ही आयोजित किया गया था. घर खरीदारों की समस्याओं को सुलझाने के लिए यूपी रेरा अथॉरिटी प्रभावी भूमिका निभा रही है. कोविड के दौरान भी वर्चुअल अदालतों के माध्यम से रेरा ने पीड़ितों को न्याय देखकर बेहतर काम किया है.

जनवरी 2021 तक 60,000 मामले निपटे

पीएचडी चैंबर यूपी चैप्टर के को-चेयरमैन मनीष खेमका ने बताया कि भारत में रेरा कानून लागू होने के बाद जनवरी 2021 तक साठ हजार से ज्यादा मामले निपटाए जा चुके हैं. इनमें से 40 फीसदी से ज्यादा मामलों का निपटारा अकेले उत्तर प्रदेश में किया गया है. जनवरी 2021 की शुरुआत तक पूरे भारत में रेरा के तहत करीब 60 हजार रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स और करीब 46 हजार रियल इस्टेट एजेंट्स का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है.

रेरा चेयरमैन को दिए अपने सुझाव में खेमका ने कहा कि रियल स्टेट से संबंधित समस्याओं के तुरंत निदान के लिए रेरा के मार्गदर्शन में किसी भी मुकदमे से पूर्व बिल्डर्स और घर खरीदारों के बीच संवाद की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए. रेरा कानून में इसके लिए मध्यस्थता फोरम (Conciliation Forum) का प्रावधान है. रेरा कानून अभी अपेक्षाकृत नया है और जैसाकि कानून के विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी नया कानून पूरे तरीके से प्रभावी होने में अपना समय लेता है.

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