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मई में मैन्युफैक्चरिंग PMI 30.8 अंक पर रहा, अप्रैल में यह 27.0 पर दर्ज किया गया था.May Manufacturing PMI: देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है. नए ऑर्डर नहीं मिलने और उत्पादन में लगातार गिरावट से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में अप्रैल की रिकॉर्ड के बाद मई में दूसरी सबसे तेज गिरावट रही. इसके अलावा, कंपनियों ने इस महीने कर्मचारियों की रिकॉर्ड छंटनी की. IHS मार्किट इंडिया के मंथली सर्वे में यह खुलासा हुआ है.
IHS मार्किट के मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेसर्ज इंडेक्स (PMI) मई में 30.8 पर रहा, जो अप्रैल में 27.4 था. यह देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सेहत में दूसरी रिकॉर्ड गिरावट को दर्शाता है. हालांकि, अप्रैल के मुकाबले मई में थोड़ा सुधार हुआ है. अप्रैल में पीएमआई इंडेक्स लगातार 32 महीने तक ग्रोथ में रहने के बाद गिरावट में आया था. पीएमआई के संदर्भ में 50 अंक से अधिक विस्तार और इससे नीचे गिरावट को दर्शाता है. हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर अपने एक साल के आउटलुक लेकर आशावादी है.
नौकरियों में रिकॉर्ड कटौती
कोरोनावायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से कंपनियों में उत्पादन रुकने और डिमांड नहीं आने से नौकरियों में रिकॉर्ड कटौती हुई है. सर्वे के अनुसार, इसके चलते कंपनियों ने रिकॉर्ड छंटनी की है. आईएचएस बीते 15 साल से रिपोर्ट तैयार कर रहा है. कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों की छंटनी की रफ्तार इन 15 सालों में सबसे ज्यादा दर्ज की गई. छंटनी का पिछला रिकॉर्ड इसी साल अप्रैल में दर्ज किया गया था.
कोविड-19 संकट पर अनिश्चितता बरकरार
IHS मार्केट के अर्थशास्त्री एलियट केर का कहना है कि पीएमआई के ताजा आंकड़ों से साफ है कि भारतीय मैन्युफैक्चरिंग उत्पादन मई में गिरा है. कारोबार में लगातार बंदी के चलते अप्रैल में रिकॉर्ड गिरावट आई थी. सर्वे के अनुसार, कमजोर डिमांड और कम उत्पदान के चलते अप्रैल में रिकॉर्ड गिरावट आई थी. केर का कहना है कि कोविड19 संकट से कंपनियों को उबरने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, इस महामारी को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है.
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