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वित्तीय संकट से जूझ रही Vodafone Idea को अब सरकार से सहारे की उम्मीद है.
वित्तीय संकट से जूझ रही Vodafone Idea को अब सरकार से सहारे की उम्मीद है. टेलीकॉम कंपनी के मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटीशन को खारिज करती है तो बकाए एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) के कैलकुलेशन में गलती सुधार मामले में सरकार के पास हस्तक्षेप के अधिकार हैं. वोडा-आइडिया ने 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बकाए एजीआर के कैलकुलेशन में गलती को सुधारने की याचिका को खारिज किए जाने के बाद इस महीने अगस्त की शुरुआत में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया है.
वोडाफोन आइडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रविंदर टक्कर का इस मसले पर कहना है कि सरकार के पास देश चलाने की शक्ति होती है और वह यह फैसला कर सकती है कि देश के लिए क्या अच्छा है. टक्कर का कहना है कि सरकार के पास शक्तियां हैं लेकिन अगर कोर्ट भी इन गलतियों को हटाने के लिए सहमत होती है तो मददगार साबित होगा.
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कोर्ट के मूल फैसले को चुनौती नहीं- वोडाफोन आइडिया
टक्कर के मुताबिक अगर सुप्रीम कोर्ट रिव्यू पिटीशन को खारिज करती है तो उनके पास क्यूरेटिव पिटीशन का विकल्प है. हालांकि वोडाफोन आइडिया को भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट उनके इरादों को समझेगी कि टेलीकॉम कंपनी ने एजीआर पर टॉप कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बजाय सिर्फ बकाए एजीआर के कैलकुलेशन में गलतियों को सुधारने की मांग की गई है. टक्कर का मानना है कि कोर्ट यह समझ रही है कि कंपनी केस या फैसले को फिर से खोलने की कोशिश कर रही है या मूल फैसले को चुनौती दी जा रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल ऐसा नहीं है.
25 हजार करोड़ जुटाने की योजना
फ्लोर प्राइसिंग को लेकर टक्कर ने कहा कि टैरिफ हाइक इंडस्ट्री की सेहत के लिए बहुत जरूरी है और जब तक इसे लेकर कोई समाधान नहीं किया जाता है, टेलीकॉम इंडस्ट्री के वित्तीय संकट को दूर नहीं किया जा सकता है. भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री में कभी भी स्वस्थ प्राइसिंग को बनाए रखने के लिए अनुशासन नहीं रहा है जिसके चलते इसे बचाने के लिए सिर्फ फ्लोर प्राइसिंग ही इकलौता तरीका बचा है. हालांकि टक्कर के मुताबिक इसे अंतरिम तौर पर लाया जा सकता है जब तक कि इंडस्ट्री की सेहत नहीं सुधर जाती है. इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी है कि निवेशकों के साथ 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना को साकार रूप देने के लिए बातचीत चल रही है.