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रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और ब्रिटेन की मल्टी नेशनल ऑयल एंड गैस कंपनी बीपी ने आज आर क्लस्टर से प्रोडक्शन की घोषणा की.
रिलांयस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और ब्रिटेन की मल्टी नेशनल ऑयल एंड गैस कंपनी बीपी ने आज आर क्लस्टर से प्रोडक्शन की घोषणा की. यह देश के पूर्वी तट पर स्थित ब्लॉक केजी डी6 पर वाटर-गैस फील्ड है और यह देश का पहला अल्ट्रा-डीप वाटर गैस प्रोजेक्ट है और एशिया का सबसे गहराई वाला गैस प्रोजेक्ट है. ब्लॉक केजी डी6 बेसिन के आर क्लस्टर, सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे में Reliance और BP गहरे पाने में तीन गैस प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं. इन तीन प्रोजेक्ट से निकलने वाली गैस से 2023 तक भारत की करीब 15 फीसदी गैस जरूरतें पूरी हो जाएंगी और घरेलू गैस का 25 फीसदी यहीं से उत्पादित होगा.
इन प्रोजेक्ट्स में केजी डी-6 ब्लॉक में वर्तमान में मौजूद हब इंफ्रास्ट्रक्चर को यूटिलाइज किया जाएगा. इस समय केजी डी6 में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस की 66.67 हिस्सेदारी है जबकि बीपी की इसमें 33.33 फीसदी हिस्सेदारी है.
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अगला प्रोजेक्ट 2021 में होगा शुरू
रिलांयस और बीपी जिन तीन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं, उसमें से पहले प्रोजेक्ट आर क्लस्टर से उत्पादन शुरू हो चुका है. यह फील्ड काकीनाडा तट पर स्थित केजी डी6 कंट्रोल एंड राइजर प्लेटफॉर्म (सीआरपी) से 60 किमी दूरी पर स्थित है. यह न सिर्फ भारत का बल्कि पूरे एशिया का सबसे गहरा ऑफशोर गैस फील्ड है. इसकी गहराई 2 हजार मीटर से भी अधिक है. अगला प्रोजेक्ट सैटेलाइट्स क्लस्टर अगले साल शुरू होगा और उसके बाद 2020 में एमजे प्रोजेक्ट की शुरुआत होगी.
भारत की ऊर्जा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि- रिलायंस प्रमुख
आर क्लस्टर में उत्पादन शुरू किए जाने को लेकर रिलायंस के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने बीपी के साथ साझेदारी को लेकर कहा कि दोनों कंपनियां ने भौगोलिक और जलवायु को लेकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल गैस प्रोजेक्ट के लिए किया. अंबानी के मुताबिक यह साफ और हरित ऊर्जा पर आधारित इकोनॉमी को लेकर देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.
बीपी के चीफ एग्जेक्यूटिव बर्नार्ड लूनी ने कहा कि यह शुरुआत रिलायंस के साथ साझेदारी की ओर संभावनाओं की तरफ एक कदम है. लूनी के मुताबिक दोनों कंपनियों की बेहतरीन विशेषज्ञता की मदद से भारत की तेजी से बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.