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मुकेश अंबानी अब न्यू एनर्जी बिजनेस में जोर लगा रहे हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) और सऊदी अरामको ने अपनी डील रद्द करके इसके पुनर्मूल्यांकन ( Re-evaluation) का फैसला किया है. अरामको ( Saudi Aramco) को रिलायंस के ऑयल टु केमिकल ( O2C) बिजनेस में 20 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदनी थी लेकिन दोनों ने बदलते हुए माहौल में इस सौदे को रद्द करने का फैसला किया है.
रिलायंस ने शुक्रवार को देर रात एक बयान जारी कर कहा कि उसने NCLT में अपने ऑयल टु केमिकल बिजनेस को ग्रुप के दूसरे बिजनेस से अलग करने का जो आवेदन दिया था उसे वापस ले लिया गया है.यह फैसला रिलायंस के बिजनेस पोर्टफोलियो की नई उभरती प्रकृति को लेकर लिया गया है. दरअसल बदलते एनर्जी परिदृश्य को देखते हुए रिलायंस और अरामको ने इस सौदे को रद्द करने का फैसला किया है.
अरामको को 1.11 लाख करोड़ में खरीदनी थी 20 फीसदी हिस्सेदारी
रिलायंस ने 2019 में एक लेटर ऑफ इंटेट (LOI) पर दस्तख्त किए थे. इसके तहत अरामको को रिलायंस के ऑयल टु केमिकल बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी थी. इसकी कुल कीमत 1.11 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी. रिलायंस इंस्ट्रीज के मुताबिक दोनों कंपनियों ने पिछले दो साल में इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए काफी काम किया था. सऊदी अरामको भी हिस्सेदारी खरीदने के इस सौदे को आगे बढ़ाने के लिए काफी काम कर चुकी थी. इस बीच, रिलायंस ने अरामको के चेयरमैन यासिर ओटमन एच. अल-रुमायान को स्वतंत्र निदेशक बनाया था.
रिलायंस ने न्यू एनर्जी बिजनेस में लगाए हैं 10 अरब डॉलर
हिस्सेदारी बिक्री के लिए बातचीत की खबर पहली बार अगस्त, 2019 में आधिकारिक तौर पर सामने आई थी. इस बीच, तीन वर्षों में रिलायंस ने वैकल्पिक ऊर्जा में 10 अरब डॉलर का निवेश करके न्यू एनर्जी कारोबार में एंट्री की है. इसके मद्देनजर इस सौदे का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है.