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Reliance-Aramco Deal: सस्ते क्रूड के चलते नहीं हुई रिलांयस और अरामको के बीच डील, इस भाव पर सौदा होने की संभावना

Reliance-Aramco Deal: सऊदी अरब की सार्वजनिक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनीअरामको की चीन के सबसे बड़े ओटूसी प्रोजेक्ट में इक्विटी हिस्सेदारी है.

Reliance-Aramco Deal: सऊदी अरब की सार्वजनिक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनीअरामको की चीन के सबसे बड़े ओटूसी प्रोजेक्ट में इक्विटी हिस्सेदारी है.

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PTI
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Reliance-Aramco deal likely if crude oil averages USD 65 says research firm Jefferies

दुनिया के सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी अरामको और भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के बीच एक डील हुई थी जिसे मार्च 2020 तक पूरा हो जाना था.

Reliance-Aramco Deal: दुनिया के सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी अरामको और भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के बीच एक डील हुई थी जिसे मार्च 2020 तक पूरा हो जाना था. यह डील तो नहीं हुई लेकिन इसकी वजह भी सामने नहीं आई. अब एक रिसर्च फर्म Jefferies का कहना है कि क्रूड ऑयल के भाव में गिरावट और सऊदी अरब की सार्वजनिक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी अरामको का सालाना 7500 करोड़ डॉलर (5.44 लाख करोड़ रुपये) डिविडेंड को लेकर प्रतिबद्धता के चलते इस डील में देरी हो रही है. बता दें कि अरामको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की ऑयल-टू-केमिकल यूनिट (ओटूसी) यूनिट में हिस्सेदारी खरीदने के लिए डील किया है. देश के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 में एलान किया था कि रिलायंस ओटूसी बिजनेस में 20 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए बातचीत कर रही है. इसमें जामनगर (गुजरात) की दो ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल एसेट्स शामिल हैं. जेफरीज के मुताबिक 65 डॉलर के भाव पर क्रूड पहुंचता है तो इस डील पर अरामको आगे बढ़ सकती है.

65 डॉलर के भाव पर सौदा होना संभव

जेफरीज के मुताबिक अगर क्रूड ऑयल के भाव 65 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंचते हैं तो रिलायंस और अरामको के बीच सौदे के पूरे होने की संभावना है. इस हफ्ते के शुरुआती दिनों में मॉर्गन स्टेनले ने एक रिपोर्ट में रिलांयस और अरामको के बीच सौदे को लेकर बातचीत चल रही है. रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल प्लांट्स के अलावा रिलांयस के ओटूसी बिजनेस की 51 फीसदी हिस्सेदारी फ्यूल रिटेलिंग बिजनेस में है. हालांकि इसमें बंगाल की खाड़ी के केजी-डी6 ब्लॉक में तेल और गैस उत्पादन शामिल नहीं है.

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जेफरीज के मुताबिक 2019 की शुरुआत से अरामको सालाना 7500 करोड़ डॉलर डिविडेंड देने के लिए प्रतिबद्ध है जिसके कारण 2020 में उसने कैपिटल एक्सपेंडिचर में कटौती की. डिविडेंड पेमेंट के बाद सालाना कैपिटल एक्सपेंडिचर को 2017-2019 के दौरान 3500-4000 करोड़ डॉलर के स्तर तक लाने के लिए क्रूड के भाव को औसतन 65 डॉलर होना जरूरी है.

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चीन के सबसे बड़े ओटूसी प्रोजेक्ट में अरामको की हिस्सेदारी

जेफरीज के मुताबिक जिस तरह से अरामको की चीन में मौजूदगी है वैसी ही भारत में भी संभव है. अरामको के आईपीओ प्रॉस्पेक्टस में चीन, भारत और दक्षिण पूर्ण एशिया में निवेश बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. अरामको की चीन के झेइजियांग में सबसे बड़े ओटूसी प्रोजेक्ट में इक्विटी हिस्सेदारी है. इसके तहत अरामको के पास लंबे समय के लिए क्रूड सप्लाई का एग्रीमेंट है और रिटेल आउटलेट्स के निर्माण के लिए योजना है. इसके अलावा अरामको की सिनोपेक के साथ फ्यूल रिटेलिग ज्वाइंट वेंचर है जो चीन में 1 हजार रिटेल आउटलेट्स ऑपरेट करती है. जेफरीज के मुताबिक रिलायंस के साथ सौदा पूरा होने पर अरामको की भारत में मजबूत मौजूदगी हो जाएगी. वह लंबे समय के क्रूड सप्लाई एग्रीमेंट के अलावा फ्यूल रिटेलिंग में भी शामिल हो सकती है.

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