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ज़ी एंटरटेनमेंट के एमडी पुनीत गोयनका ने कहा था कि इन्वेस्को ने इसकी डील एक भारतीय कंपनियों से कराने की कोशिश की थी
रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries) ने कहा है कि उसने अपने मीडिया प्रॉपर्टीज का Zee Entertainment में विलय का प्रस्ताव दिया था लेकिन हिस्सेदारी को लेकर मतभेद की वजह से सौदा नहीं हो सका. रिलायंस ने कहा है कि ZEE एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) और इनवेस्को (Invesco) के बीच चल रहे विवाद में उसका नाम आने को लेकर उसे दुख है. लेकिन उसकी तरफ से ZEE को दिए गए ऑफर को मीडिया में गलत तरीके से पेश किया गया है.
रिलायंस ने कहा, मर्जर के लिए ज़ी को दिया था वाजिब ऑफर
रिलायंस ने अपने बयान में कहा, "हमने एक वाजिब वैल्यूएशन पर अपनी सभी मीडिया संपत्तियों का ZEE के साथ मर्ज करने का एक ऑफर दिया था. इसके तहत ZEE और हमारी संपत्तियों की समान मापदंड पर वैल्यूएशन तय की गई थी.रिलायंस ने यह भी कहा कि इनवेस्को ने इस मामले में उसके प्रतिनिधियों और ZEE के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत गोयनका के बीच डायरेक्ट मीटिंग कराने में रिलायंस की मदद की थी.
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इन्वेस्को ने किया था रिलायंस के ऑफर का खुलासा
देश की सबसे बड़ी लिस्टेड मीडिया कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (ZEEL) के सबसे बड़े शेयरधारक इन्वेस्को (Invesco) ने आज 13 अक्टूबर को अहम खुलासा किया है. इन्वेस्को के मुताबिक उसने रिलायंस और जी के बीच एक सौदे की कोशिश की थी. हालांकि इन्वेस्को ने इससे इनकार किया कि उसने इस सौदे को कम कीमत पर कराने की कोशिश की थी. इन्वेस्को का यह बयान ZEEL के प्रमुख पुनीत गोयनका (Punit Goenka) की ओर से कंपनी को बोर्ड को इन्वेस्को के एक प्रस्ताव की जानकारी देने के अगले दिन आया है.
गोयनका ने बोर्ड से बताया था कि फरवरी 2021 में इन्वेस्को ने एक बड़े भारतीय ग्रुप (स्ट्रेटजिक ग्रुप) की कुछ कंपनियों के साथ विलय का प्रस्ताव रखा था. गोयनका के मुताबिक इस सौदे से कंपनी के निवेशकों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता. हालांकि गोयनका ने इस बड़े भारतीय ग्रुप के नाम का खुलासा नहीं किया. आज इन्वेस्को ने कहा कि यह रिलायंस थी.