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रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच कारोबारी सौदे की घोषणा अगस्त 2020 में हुई थी.
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने फ्यूचर ग्रुप (Future Group) द्वारा रिलायंस (Reliance) को अपनी संपत्तियों के बिक्री की योजना को मंजूरी दे दी है. सेबी की मंजूरी मिलने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने भी फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीत 24,173 करोड़ रुपये के सौदे पर अपनी मुहर लगा दी है. अमेजन (Amazon) ने इस सौदे को लेकर सेबी और अन्य नियामकीय एजेंसियों को कई लेटर लिखे थे. अमेजन ने इस मामले के दिल्ली हाईकोर्ट में होने के आधार पर सेबी और अन्य नियामकीय एंजेसियों से अपील किया था कि वह सौदे को लेकर अपने रिव्यू को सस्पेंड करे और अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) न जारी करे.
फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीच हुए सौदे पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की पांच महीने बाद कुछ शर्तों के साथ मंजूरी मिली है. इस सौदे की घोषणा पिछले साल अगस्त 2020 में हुई थी.
कानूनी मामले के फैसले पर निर्भर है सेबी की मंजूरी
बीएसई ने कहा है कि इस सौदे पर सेबी की मंजूरी दिल्ली हाईकोर्ट और आर्बिट्रेशन प्रोसिंडिंग्स के फैसले पर निर्भर करेगी. सेबी ने कहा है कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीच हुए कारोबारी सौदे के खिलाफ कानूनी मामले चल रहे हैं. ऐसे में बीएसई ने फ्यूचर ग्रुप से कहा है कि सेबी की मंजूरी उसके खिलाफ चल रहे मामले के फैसले के ऊपर निर्भर करेगा.
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यह है पूरा मामला
अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर के अनलिस्टेड फर्म फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताई थी. इस समझौते के तहत अमेजन के पास तीन से 10 साल के भीतर फ्लैगशिप फ्यूचर रिटेल के खरीदारी राइट्स थे. फ्यूचर कूपन्स के पास बीएसई लिस्टेड फ्यूचर रिटेल में 7.3 फीसदी हिस्सेदारी हैजो कंवर्टिबल वारंट्स के जरिए बिज बाजार जैसे सुपरमार्केट और हाइपर मार्केट को संचालित करती है. रिलाय़ंस के साथ सौदे को लेकर अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल ऑर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के खिलाफ याचिका दायर किया है कि फ्यूचर ग्रुप ने उसकी प्रतिद्वंद्वी रिलायंस के साथ कारोबारी सौदा कर उसके साथ कांट्रैक्ट का उल्लंघन किया है. पिछले साल अक्टूबर 2020 में एसआईएसी ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था.