/financial-express-hindi/media/post_banners/yaZp5bmUXimuP0KDluyU.jpg)
RIL अपने चौथे निवेश चक्र के तहत अगले तीन सालों में 50 अरब डॉलर खर्च करने से आमदनी को दोगुना करने में मदद मिल सकती है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को अपने चौथे निवेश चक्र के तहत अगले तीन सालों में 50 अरब डॉलर खर्च करने से आमदनी को दोगुना करने में मदद मिल सकती है. एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि रिलायंस के इस सदी के चौथे निवेश चक्र में उसका लाभ 2027 तक दोगुना होने की संभावना है. हालांकि, कंपनी के पिछले निवेश चक्रों से यह कई मायनों में अलग होगा और इसमें ऊर्जा संबंधी गतिरोध भी आ सकते हैं.
5G, केमिकल, रिटेल बिजनेस पर पैसे खर्च करेगी रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अगले तीन सालों में अपने रसायन (chemical), 5जी सेवा (5G Services), खुदरा कारोबार (Retail Business) और नवीन ऊर्जा कारोबार (Renewable Energy Business) पर यह राशि खर्च करने की योजना बनाई है. नब्बे के दशक के अंत और नई सदी के शुरुआती वर्षों में रिलायंस ने अपने पहले निवेश चक्र में पेट्रोरसायन कारोबार (petrochemical business) पर खास ध्यान दिया था. इसके चार साल बाद शुरू हुए दूसरे निवेश चक्र में कंपनी का तेलशोधन (oil refining) और ऑयल व गैस सेक्टर के विकास पर जोर रहा. तीसरा निवेश चक्र पूरी तरह से दूरसंचार सेवा (telecom services) पर केंद्रित था.
2027 तक 75 अरब डॉलर खर्च करने का प्रावधान
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले निवेश चक्रों ने शेयरधारक मूल्य सृजन (Shareholder Value creation) में 60-70 अरब डॉलर का योगदान दिया है क्योंकि इस दौरान कंपनी ने अपनी आय स्वरूप (earning profile) को अगले दशक के लिए नया आकार देने के लिए आक्रामक कदम उठाए हैं. रिलायंस अगले निवेश चक्र के लिए बेहतर स्थिति में है जिसमें तीन वर्षों के भीतर 50 अरब डॉलर और 2027 तक 75 अरब डॉलर खर्च करने का प्रावधान होगा. इस भारी निवेश का एक-तिहाई हिस्सा ऊर्जा एवं नवीन ऊर्जा कारोबार (power and renewable energy business) के पास जाएगा जबकि टेलिकॉम और रिटेल बिजनेस को बाकी राशि मिलेगी. हालांकि रिटेल, टेलिकॉम और नवीन ऊर्जा में निवेश पर अगले दो साल के भीतर अधिक जोर रहने की संभावना है. दूरसंचार में 5G नेटवर्क खड़ा करने पर निवेश किया जाएगा, जबकि नवीन ऊर्जा कारोबार में निवेश मुख्य रूप से सोलर पैनल पर होगा. रिटेल बिजनेस में कंपनी का मजबूत लॉजिस्टिक नेटवर्क तैयार करने के अलावा ई-कॉंमर्स गतिविधियां (e-commerce offering) बढ़ाने पर जोर दिए जाने की संभावना है.