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QIA to buy stake in Reliance Retail: मुंबई में रिलायंस सुपरमार्केट में लगी शॉपिंग ट्रॉली की तस्वीर. ताजा डील में रिलायंस रिटेल का वैल्युएशन 8.27 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक आंका गया है. (File Photo : Reuters)
Reliance Retail Ventures to sell 0.99% stake to Qatar Investment Authority: रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने अपनी रिटेल इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स (RRVL) की 0.99 फीसदी हिस्सेदारी 8,278 करोड़ रुपये में बेचने का एलान किया है. यह हिस्सेदारी कतर इनवेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA) अपनी एक पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी के जरिए खरीदेगी. 0.99 फीसदी हिस्सेदारी 8,278 करोड़ रुपये में बेचे जाने का मतलब ये हुआ कि इस डील के हिसाब से RRVL का मौजूदा वैल्युएशन 8 लाख 27 हजार 800 करोड़ रुपये कैलकुलेट किया गया है. रिलांयस इंडस्ट्रीज ने इस डील की जानकारी बुधवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में दी है. इससे पहले 2020 में RRVL के 10.09 शेयरों की बिक्री के समय कंपनी का वैल्युएशन 4.2 लाख करोड़ रुपये कैलकुलेट किया गया था. यानी करीब तीन साल के भीतर कंपनी का वैल्युएशन लगभग दो गुना हो गया है.
QIA के ग्लोबल अनुभव का लाभ मिलेगा : ईशा अंबानी
रिलायंस रिटेल (RRVL) अपनी सहयोगी कंपनियों के साथ मिलकर भारत के सबसे बड़े ऑर्गनाइज्ड रिटेल बिजनेस को चलाती है. कंपनी के पास 18,500 से ज्यादा रिटेल स्टोर्स का इंटीग्रेटेड नेटवर्क है. RRVL की डायरेक्टर ईशा मुकेश अंबानी ने इस डील का एलान करते हुए कहा, “हमें रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के एक निवेश पार्टनर के तौर पर QIA का स्वागत करते हुए बेहद खुशी हो रही है. हमें उम्मीद है कि QIA के ग्लोबल अनुभव और वैल्यू क्रिएशन के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड से कंपनी को काफी मदद मिलेगी. हम रिलायंस रिटेल वेंचर्स को एक ऐसा विश्व स्तरीय संस्थान बनाना चाहते हैं, जो भारत के रिटेल सेक्टर में बड़े बदलाव की ड्राइविंग फोर्स बने.” ईशा अंबानी ने कहा कि QIA का यह निवेश भारत की अर्थव्यवस्था और रिलायंस के रिटेल बिजनेस मॉडल, स्ट्रैटजी और उन पर अमल करने की क्षमता के बारे में उनके सकारात्मक नजरिये का बड़ा सबूत है.
2020 में 4.2 लाख करोड़ था वैल्युएशन
साल 2020 में RRVL ने अपनी 10.09 हिस्सेदारी 47,265 करोड़ रुपये में बेची थी. यह हिस्सेदारी कुछ ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी फंड्स को बेची थी. उस वक्त कंपनी का वैल्युएशन 4.2 लाख करोड़ रुपये कैलकुलेट किया गया था. उस वक्त कंपनी ने सिल्वर लेक (Silver Lake), केकेआर (KKR), मुबाडला (Mubadala), अबु धाबी इनवेस्टमेंट अथॉरिटी, जीआईसी (GIC), टीपीजी (TPG), जनरल अटलांटिक और सऊदी अरब के पब्लिस इनवेस्टमेंट फंड से पैसे जुटाए थे. तब इसे सेक्टर की उस वक्त की सबसे बड़ी फंड रेजिंग एक्सरसाइज (fundraising exercise) कहा गया था. 2020 के सौदों की तुलना ताजा डील से करें तो महज तीन साल के भीतर कंपनी का वैल्युएशन करीब दो गुना हो गया है. इस दौरान आरआरवीएल ने बड़े पैमाने पर कंपनियों का अधिग्रहण करके और प्रमुख इंटरनेशनल ब्रांड्स के फ्रैंचाइजी राइट्स खरीदकर भारतीय बाजार में अपने बिजनेस का तेजी से विस्तार किया है.