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कुछ समय पहले भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा था कि चार साल के एजीआर और स्पेक्ट्रम पेमेंट मोरेटोरियम को चुनने से 35 हजार-40 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी.
दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरेटल (Bharti Airtel) ने एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) और स्पेक्ट्रम बकाए के लिए वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) की राह चुनी है. एयरटेल ने दूरसंचार विभाग (DoT) को इस संबंध में सूचित कर दिया है कि वह एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाए के भुगतान के लिए चार साल के मोरेटोरियम का विकल्प चुन रही है. मोरेटोरियम का विकल्प चुनने के बाद अवधि तक बकाए को चुकाने की बाध्यता नहीं रह जाती है. जानकारी के मुताबिक भारती एयरटेल ने डीओटी को इस संबंध में शुक्रवार को ही अपना स्वीकृति पत्र भेज दिया था. पिछले सप्ताह वोडाफोन आइडिया ने डीओटी को स्पेक्ट्रम बकाए के भुगतान के लिए चार साल के मोरेटोरियम को चुनने के बारे में सूचित किया था. हालांकि वोडा-आइडिया ने कहा था कि इसके संबंध में 29 अक्टूबर तक बोर्ड फैसला लेगा.
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एयरटेल को होगी 40 हजार करोड़ की राहत
कुछ समय पहले फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा था कि चार साल के एजीआर और स्पेक्ट्रम पेमेंट मोरेटोरियम को चुनने से 35 हजार-40 हजार करोड़ रुपये की राहत मिलेगी. मित्तल ने कहा कि इससे मार्केट कर्ज को घटाने में मदद मिलेगी और 40 हजार करोड़ रुपये की जो बचत होगी, उसे 5जी के नेटवर्क इत्यादि में निवेश किया जाएगा. मित्तल ने कहा कि जो बचत होगी, वह डिविडेंड के हिस्से में नहीं जाएगा बल्कि उसे टेक्नोलॉजी में निवेश किया जाएगा यानी एक तरह से पैसे वापस इंडस्ट्री में ही आने हैं.
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29 अक्टूबर की तय थी डेडलाइन
दूरसंचार विभाग ने हाल ही में एयरटेल, वोडा-आइडिया और टाटा कम्यूनिकेशंस को मोरेटोरियम का विकल्प चुनने के लिए 29 अक्टूबर तक का समय दिया था. इन कंपनियों को 29 अक्टूबर तक का समय यह बताने के लिए दिया गया कि क्या वे स्पेक्ट्रम व एजीआर बकाए के लिए मोरेटोरियम चाहती हैं. इसके अलावा 29 अक्टूबर के बाद के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 90 दिनों का समय दिया गया है. इन 90 दिनों में उन्हें इसकी पुष्टि करनी है कि क्या वे पेमेंट के ब्याज को इक्विटी में बदलना चाहती हैं? मोरेटोरियम टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरकार के रिवाइवल पैकेज का हिस्सा है जिसके तहत वित्तीय दबाव से जूझ रही टेलीकॉम कंपनियों को कैश फ्लो में राहत और एजीआर को फिर से परिभाषित करने व भविष्य में होने वाली नीलामी में स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज हटाने का प्रस्ताव दिया गया है.
(Article: Kiran Rathee)