/financial-express-hindi/media/post_banners/p6BViSM3VOsGaAcgm615.jpg)
सरकार ने एमएसएमई से जुड़ा चार साल पहले किया गया एक फैसला वापस ले लिया है.
सरकार ने रिटेलर्स और और होलसेल कारोबारियों को फिर से एमएसएमई के दायरे में शामिल कर लिया है. सरकार ने 2017 में एक गजट अधिसूचना जारी कर थोक और खुदरा कारोबारी गतिविधियों को एमएसएमई से बाहर कर दिया था. इससे पहले ये एमएसएमई के दायरे में आते थे . लेकिन एक बार फिर इन्हें एमएसएमई के दायरे में लाकर सरकार ने अपना पुराना फैसला वापस ले लिया है. रिटेल और थोक कारोबारी संगठन पिछले चार साल से अपनी कारोबारी गतिविधियों को दोबारा एमएसएमई सेक्टर के तहत लाने की मांग कर रहे थे. अब जाकर सरकार ने उनकी मांग सुनी है.
नीतिन गडकरी ने ट्वीट कर किया ऐलान
एमएसएमई मंत्री नीतिन गडकरी ने एक ट्वीट कर इसका ऐलान करते हुए कहा, " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम एमएसएमई को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम इसे इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस बारे में सरकार की संशोधित गाइडलाइंस से ढाई करोड़ रिटेल और होलसेल कारोबारियों को फायदा होगा.
रिटेल और थोक व्यापारी संगठनों ने जताई खुशी
इस संशोधन के बाद रिटेल और होलसेल कारोबारी उदयम रजिस्ट्रेशन पोर्टल को खुद को रजिस्टर कर पाएंगे. रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ( RAI)के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि सरकार के इस ऐलान पर व्यापार संगठनों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया जताई है. उन्होंने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया और कहा कि इससे रिटेल कारोबार को और मजबूती मिलेगी और यह तरक्की करेगा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीसी भारती और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इससे रिटेल और होलसेल ट्रेड को बैंक और वित्तीय संस्थानों से लोन मिल सकेगा. बैंक और वित्तीय संस्थान इन्हें प्राथमिकता वाले क्षेत्र में रख कर इसे जरूरी फंड मुहैया कराएंगे. सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से दिक्कतों का सामना कर रहे एमएसएमई सेक्टर को कई राहत दी है. बैंक और वित्तीय संस्थानों की ओर से इन्हें लगातार फंड मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है. एमएसएमई सेक्टर की फंडिंग पर सरकार का इसलिए जोर है क्योंकि काफी बड़ी तादाद में लोगों को रोजगार मिला हुआ है.