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इस साल अबतक की बात करें तो चांदी ने करीब 32 फीसदी रिटर्न दे दिया है, जो किसी भी दूसरे एसेट क्लास के मुकाबले ज्यादा है.
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साल 2019 में करीब 20 फीसदी रिटर्न देने के बाद चांदी में साल 2020 में तेजी जारी है. इस साल अबतक की बात करें तो चांदी ने करीब 32 फीसदी रिटर्न दे दिया है, जो किसी भी दूसरे एसेट क्लास के मुकाबले ज्यादा है. रुपये में चांदी इस साल 15117 रुपये महंगी हो चुकी है. जहां तक निवेशकों की बात है, चांदी में इतनी बड़ी तेजी देखकर नए निवेश को लेकर डर लगना स्वभाविक है. लेकिन चांदी में हिस्टोरिक रिटर्न देखें तो चार्ट कुछ और ही कहानी कह रहा है. एक्सपर्ट भी यह मान रहे हैं कि चांदी में यह तेजी जारी रहने वाली है. आने वाले दिनों में यह 72-75 हजार प्रति किलो के भाव पर जाता दिख रहा है.
चांदी की इस साल कैसी रही चाल
साल 2019 के अंत में चांदी का भाव 46711 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुआ था. वहीं, अभी एमसीएक्स पर यह 61828 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है. यानी इसी साल यह करीब 15117 रुपये यानी 32 फीसदी महंगा हो गया. इस साल चांदी का हाई 62400 रुपये प्रति किलो रहा है. साल 2019 से अबतक की बात करें तो चांदी 2018 के अंत में 38821 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. जिसके बाद से चांदी में 23 हजार रुपये या 59 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
अगस्त चांदी के सबसे अच्छा महीना!
साल 2011 से लेकर अबतक चांदी के रिटर्न चार्ट को देखें तो अगस्त महीने में चांदी का रिटर्न औसतन सबसे बेहतर दिख रहा है. 2011 से अबतक चांदी ने अगस्त में 5.69 फीसदी औसत रिटर्न दिया है. अगस्त के बाद दूसरे नंबर पर जुलाई महीना है, जिसमें पिछले 10 साल में चांदी का औसत रिटर्न 3.36 फीसदी रहा है. इसके अलावा जनवरी, फरवरी, अप्रैल, अक्टूबर और दिसंबर में चांदी का पिछले 10 साल का औसत रिटर्न पॉजिटिव रहा है. जबकि मार्च, मई, जून, सितंबर और नवंबर में यह रिटर्न निगेटिव रहा है.
चांदी 75 हजार का दिखाएगा भाव
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सोने के मुकाबले अब चांदी में तेजी आने लगी है. पिछले दिनों मार्च में गोल्ड और सिल्वर रेश्यो 130 के आस पास पहुंच गया था, जो अब 82 से 83 के आस पास है. इसके पहले 2006 से 2011 के बीच ऐसा देखा गया था. 2006 में गोल्ड और सिल्वर रेश्यो हाई पर था. लेकिन उसके बाद चांदी में तेजी आनी शुरू हुई और इस रेश्यो में सुधार होता गया. 2011 अप्रैल आते आते चांदी 75 हजार के भाव पर पहुंच गया.
पहले भी ऐसा देखा गया है कि जब गोल्ड और सिल्वर रेश्यो में सुधार होता है तो इसकी लंबी साइकिल चलती है. इस रेश्यो का औसत 60 है. अभी रेश्यो 80 के पार है. आगे इसमें 15 से 20 अंकों का भी सुधार होता है तो चांदी 72 हजार से 75 हजार के भाव पर पहुंच सकती है. वहीं इंडस्ट्रियल डिमांड और बेहतर मॉनसून का भी इसे सपोर्ट मिल रहा है. अच्छी बारिश से रूरल इनकम बढ़ती है, जिससे चांदी की मांग भी बढ़ जाती है.
इन वजहों से चांदी बेस्ट विकल्प!
चांदी भी सेफ हैवन माने जाने वाला एसेट क्लास है.
दुनियाभर में लॉकडाउन खुलने से अब चांदी की इंडस्ट्रियल मांग बढ़ने की उम्मीद है.
चांदी अभी भी वाजिब भाव पर है, ऐसे में इंडस्ट्री की ओर से मांग बढ़ सकती है.
लॉकडाउन के चलते कई माइन्स बंद पड़ी थीं. ऐसे में सप्लाई में भी कमी आने से डिमांड बढ़ेगी.
देश में इस साल बेहतर मानसून रहने की उम्मीद है, ऐसे में रूरल डिमांड बढ़ेगी.
भारत में सोलर पावर पर लगातार काम हो रहा है, जिसमें चांदी की बड़ी खपत होती है.
लॉकडाउन से उबरने के बाद आने वाले दिनों में फेस्टिव डिमांड तेज होगी.