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जून में टॉप म्यूचुअल फंड ने अपनी इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी में कुछ बदलाव किए हैं. (image: pixabay)
Mutual Funds Investment Strategy: जून 2022 के दौरान निफ्टी में मंथली बेसिस पर 4.8 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. जून में बाजार लगातार तीसरे महीने गिरावट पर बंद हुआ और मार्च 2020 के बाद इसमें सबसे बड़ी गिरावट आई. रेट हाइक साइकिल, महंगाई, रूस व यूक्रेन के बीच जंग, कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी, सप्लाई चेन में डिस्टर्बेंस के चलते बाजार पर दबाव रहा. मई में लगातार 9वें महीने FII आउटफ्लो देखने को मिली. विदेशी निवेशकों ने बाजार से 630 करोड़ डॉलर निकाल लिए. यह भी मार्च 2020 के बाद से सबसे बड़ा आउटफ्लो है. दूसरी DII ने बाजार में करीब 600 करोड़ डॉलर निवेश किए. हालांकि म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा बना रहा. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए जून में निवेश 12280 करोड़ रहा. लगातार 10वें महीने SIP के जएि 10000 करोड़ से ज्यादा निवेश हुआ. म्यूचुअल फंड्स के निवेश स्ट्रैटेजी पर ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है.
इंडस्ट्री का कुल AUM 37.2 लाख करोड़
जून में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई. जून में यह मंथली बेसिस पर 4.2 फीसदी घटकर 35.6 लाख करोड़ रुपये रहा है. यह अगस्त 2021 के बाद से सबसे कम है. इस दौरान NFOs लॉन्च न होने से AUM में गिरावट आई. इस वजह से इक्विटी स्कीम के सेल्स में भी गिरावट आई और यह मंथली बेसिस पर 3.4 फीसदी घटकर 38400 करोड़ रहा. रीडेम्पशन में मंथली बेसिस पर 16.9 फीसदी गिरावट आई और यह 23 महीने के लो पर आ गया. मई में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM मंथली बेसिस पर 2.1 फीसदी घटकर 37.2 लाख करोड़ रुपये रहा.
डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड का इक्विटी AUM (ELSS और इंडेक्स फंड के साथ) मंथली बेसिस पर 2.9 फीसदी घटकर 13.8 लाख करोड़ रहा. इक्पिटी सेल्स में मंथली बेसिस पर 7.6 फीसदी गिरावट रही. रीडेम्पशन में मंथली बेसिस पर 15.4 फीसदी गिरावट आई और यह 25 महीने के लो 12700 करोड़ पर आ गया. इनकम/इक्विटीज/लिक्विड फंड का AUM मंथली बेसिस पर 71100 करोड़, 405000 करोड़ और 21900 करोड़ घटा. अन्य ईटीएफ का AUM 11500 करोड़ घट गया.
म्यूचुअल फंड ने स्ट्रैटेजी में किया बदलाव
जून में म्यूचुअल फंड ने अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव किए हैं. मई में जहां उन्होंने कैपिटल गुड्स, रिटेल और NBFCs पर भरोसा बढ़ाया था और निजी बैंक, सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और आटोमोबाइल से कुछ दूरी बनाई थी. वहीं जून महीने में ऑटो सेक्टर, Oil & Gas, कंज्यूमर, हेल्थकेयर, टेलिकॉम और PSU Banks पर वेटेज बढ़ाया है, वहीं निजी बैंक, मेटल, NBFCs, सीमेंट, रिटेल, यूटिलिटीज, टेक्सटाइल्स, इंश्योरेंस और केमिकल्स में वेटेज मॉडरेट रहा है.
ऑटो में वेटेज लगातार तीसरे महीने बढ़कर 42 महीने के हाई 7.6 फीसदी (+50bp MoM, +110bp YoY) पर पहुंच गया है. म्यूचुअल फंड अलोकेशन के मामले में सेक्टर तीसरे नंबर पर है. पिछले महीने यह चौथे नंबर पर था. Oil & Gas में वेटेज 18 महीने के हाई 7.3 फीसदी (+20bp MoM and +40bp YoY) पर है.
वहीं प्राइवेट बैंक सेक्टर में वेटेज मॉडरेट होकर 17.5 फीसदी (-40bp MoM, +40bp YoY) पर आ गया है. मेटल में वेटेज मॉडरेट होकर 26 महीने के लो 1.9 फीसदी (-30bp MoM) पर है.
मंथली बेसिस पर इन शेयरों में बढ़ी वैल्यू
मंथली बेसिस पर म्यूचुअल फंड ने जिन शेयरों में सबसे ज्यादा वैल्यू बढ़ाई है, उनमें से 4 शेयर ऑटो कटेगिरी के हैं. इनमें Maruti Suzuki, M&M, TVS Motor, Tube Investments, Reliance Inds, Motherson Sumi, Bharti Airtel, Godrej Consumer, Emami, ONGC शामिल हैं.
मंथली बेसिस पर इन शेयरों में घटी वैल्यू
वहीं जिन शेयरों में मंथली बेसिस पर वैल्यू सबसे ज्यादा घटी है, उनमें 6 बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सेक्टर के हैं. इनमें ICICI Bank, HDFC Bank, Kotak Bank, Axis Bank, Tata Steel, Bajaj Finance, L&T, Avenue Supermarts, HCL Tech और HDFC शामिल हैं.