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Oil & Gas Q4FY22: महंगे क्रूड से सेक्टर में खूब रही हलचल; RIL, ONGC, Oil India, GAIL में बनाएं मुनाफे की स्ट्रैटेजी

महंगे क्रूड के चलते वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में जमकर एक्शन देखने को मिला. डोमेस्टिक लेवल पर भी तेल और गैस की कीमतों में जमकर इजाफा हुआ है.

महंगे क्रूड के चलते वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में जमकर एक्शन देखने को मिला. डोमेस्टिक लेवल पर भी तेल और गैस की कीमतों में जमकर इजाफा हुआ है.

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Sushil Tripathi
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Oil & Gas Q4FY22: महंगे क्रूड से सेक्टर में खूब रही हलचल; RIL, ONGC, Oil India, GAIL में बनाएं मुनाफे की स्ट्रैटेजी

Q4FY22 की बात करें तो पूरी तिमाही के दौरान ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल रही है. (image: pixabay)

Oil & Gas Stocks: जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते क्रूड में अच्छी खासी तेजी आई है. Q4FY22 की बात करें तो पूरी तिमाही के दौरान ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल रही है. बेंचमार्क GRM बढ़कर 8 डॉलर/bbl हो गया है. क्रूड की कीमतें बढ़ने से डोमेस्टिक लेवल पर भी पेट्रोल, डीजल और नेचुरल गैस की कीमतें बढी हैं. ऐसे में वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही Oil & Gas सेक्टर के लिए एक्शन भरा रहा है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि तेल की ज्यादा कीमतों के चलते अपस्ट्रीम कंपनियों को फायदा होगा, हालांकि OMCs की कोर अर्निंग कमजोर मार्केटिंग मार्जिन के चलते प्रभावित हो सकती है. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स का मार्जिन बेहतर हो सकता है. वहीं गैस की कीमतें बढ़ने से ONGC and Reliance Industries को अपना मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

OMCs: मार्केटिंग मार्जिन रह सकता है कमजोर

ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल का कहना है कि आयल मार्केटिंग कंपनियों यानी OMCs की बात करें तो इन्हें इन्वेट्री गेन हो सकता है और मजबूत रहने की उम्मीद है. लेकिन क्रूड की कीमतें बढ़​ने के बाद भी पेट्रोल और डीजल व LPG की कीमतों में लेट बढ़ोतरी के चलते मार्केटिंग मार्जिन कमजोर रह सकता है. इससे इन कंपनियों की ओवरआल कमाई पर असर होगा. ब्रोकरेज हाउस के अनुसार इन कंपनियों को फॉरेक्स लॉस हो सकता है.

कंपनियों के मुनाफे का अनुमान

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रिपोर्ट के अनुसार के दौरान IOCL, BPCL और HPCL का PAT 6800 करोड़ रुपये, 1500 करोड़ रुपये और 700 करोड़ रुपये रह सकता है. IOCL को इन्वेट्री गेन का सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है. ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि ONGC और Oil India का Q4 PAT 11400 करोउ़ और 1400 करोड़ रुपसे रह सकता है. हायर आयल रियलाइजेशन और डिविडेंड इनकम के चलते ऐसा संभव है. ONGC और OIL का कुल प्रोडक्शन इस दौरान सालाना आधार पर 3 फीसदी घटने और 5 फीसदी बढ़ने का अनुमान है.

गैस सेक्टर का अनुमान

गैस सेक्टर की बात करें तो हायर प्राइसेस के चलते LNG वॉल्यूम पर असर हो सकता है. हालांकि मार्जिन बेहतर रहने का अनुमान है. GAIL का मुनाफा 4QFY22 में तिमाही आधार पर 4 फीसदी घट सकता है. GSPL का वॉल्यूम तिमाही आधार पर 6 फीसदी घटने का अनुमान है. जबकि APAT भी 6 फीसदी घटने का अनुमान है. IGL का PAT 19 फीसदी बढ़कर 370 करोड़ रह सकता है. Guj Gas का PAT डबल से ज्यादा होकर 280 करोड़ रहने का अनुमान है. PLNG की बात करें तो PAT में तिमाही आधार पर 32 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

RIL की अर्निंग

RIL की अर्निंग तिमाही आधार पर 4-6 फीसदी बढ़ सकती है. RIL का कंसो EBITDA 4 फीसदी बढ़कर 31000 करोड़ रहने का अनुमान है. Jio की बात करें तो सब्सक्राइबर बेस में कुछ कमी आ सकती है, लेकिन ARPU 8 फीसदी बढ़कर 164 रुपये रह सकता है. रिटेल EBITDA 8 फीसदी बढ़कर 4150 करोड़ रहने का अनुमान है.

शेयर में बनाएं कमाई की स्ट्रैटेजी

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(Disclaimer: स्टॉक या सेक्टर के बारे में सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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