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For context, RIL’s rights issue will fetch the company more funds than Indian markets managed to gather collectively through 12 rights issues in the calendar year 2019.
आप भी जानना चाहेंगे कि राइट्स इश्यू से शेयर पर क्या असर होता है, राइट्स इश्यू में कौन हिस्सा ले सकता है, हिस्सा लेने वाला कितना शेयर खरीद सकता है.रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) 30 अप्रैल को बोर्ड की होने वाले बैठक में राइट्स इश्यू लाने पर विचार करने जा रही है. कंपनी ने शेयर बाजार को खुद यह सूचना दी है. अगर बोर्ड ने मंजूर किया तो मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स के आधार पर इक्विटी शेयर जारी किया जाएगा. इसके जरिए 29 साल में पहली बारकंपनी सार्वजनिक रूप से धन जुटाएगी. माना जा रहा है कि आरआईएल ने अपना कर्ज खत्म करने की दिशा में एक और कदम इसके जरिए बढ़ाया है. फिलहाल आप भी जाजनना चाहेंगे कि राइट्स इश्यू से कंपनी के शेयर पर क्या असर होता है, राइट्स इश्यू में कौन हिस्सा ले सकता है, हिस्सा लेने वाला कितना शेयर खरीद सकता है.
कंपनियां क्यों लाती हैं राइट्स इश्यू
शेयर बाजार में लिस्टेड कोई कंपनी पैसा जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती हैं. कई बार कंपनी कारोबार के विस्तार या किसी दूसरी कंपनी के अधिग्रहण के लिए भी इसके जरिए पैसा जुटाती हैं. कुछ कंपनियां अपना कर्ज कम करने या खत्म करने के लिए भी राइट्स इश्यू का सहारा लेती हैं.
कौन खरीद सकता है शेयर
राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी अपने शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है. यानी अगर आप पहले से आरआईएल के शेयरधारक हैं तभी आपको यह मौका मिलेगा. इसके लिए कंपनी ही अवधि तय करती है और इसी अवधि में आप शेयर खरीद सकते हैं.
कितना खरीद सकते हैं शेयर
इश्यू के तहत शेयरधारक निश्चित अनुपात में ही अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए कंपनी ने राइट्स इश्यू के लिए 1:5 का अनुपात तय किया है तो इसका मतलब है कि शेयरधारक को पहले से उसके पास मौजूद हर 5 शेयर पर 1 अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका होगा. अगर अनुपात 1:4 है तो पहले से मौजूद 4 शेयर पर 1 शेयर खरीद सकते हैं.
डिस्काउंट पर मिलता है शेयर
राइट्स इश्यू में कंपनी शेयरधारकों को कीमत में डिस्काउंट देती है. इसका मतलब है कि अगर किसी कंपनी के शेयर की कीमत स्टॉक एक्सचेंज में 100 रुपये है और कंपनी राइट्स इश्यू में 10 फीसदी डिस्काउंट देती है तो कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए आपको प्रति शेयर 90 रुपये चुकाने होंगे.
शेयर पर क्या होता है असर
राइट्स इश्यू का कंपनी के शेयर बेस पर सीधा असर पड़ता है. राइट्स इश्यू के बाद कंपनी का इक्विटी बेस बढ़ जाता है. इसके चलते स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शयरों की लिक्विडिटी बढ़ जाती है. कंपनी की ओनरशिप में कोई बदलाव नहीं होता है. इसका मतलब यह है कि कंपनी का मालिकाना हक उन्हीं लोगों के पास बना रहता है, जो पहले से मालिक थे.
क्या जरूरी है शेयर खरीदना
अगर आप पहले से शेयरधारक है तो राइट्स इश्यू में शेयर खरीदना जरूरी नहीं है. वे आप अपने राइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसे में अगर निवेशकों को लगता है कि कंपनी में आगे ग्रोथ का अनुमान है तो डिस्काउंट पर मिल रहे शेयर में वह निवेश कर सकता है.
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