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RIL के शेयरों में मिल सकता है 25% रिटर्न, Jio और रिटेल कारोबार में मजबूत ग्रोथ की उम्मीद

Buy RIL Stocks: ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए लक्ष्य 2600 रुपये कर दिया है.

Buy RIL Stocks: ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए लक्ष्य 2600 रुपये कर दिया है.

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Sushil Tripathi
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Buy RIL Stocks

Buy RIL Stocks: ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए लक्ष्य 2600 रुपये कर दिया है.

RIL Stocks: रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर अपने आल टाइम हाई से अभी करीब 300 रुपये के डिस्काउंट पर चल रहा है. यह गिरावट पिछले 6 महीने के दौरान आई है. ऐसे में शेयर में पैसा लगाने का सही समय है. ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए लक्ष्य 2600 रुपये कर दिया है. करंट प्राइस 2074 के लिहाज से इसमें अगले कुछ महीनों में 25 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले दिनों में जियो में मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी. वहीं रिलायंस का रिटेल कारोबार भी तेजी से बढ़ेगा. कंपनी को अपने मजबूत बैलेंसशीट का भी फायदा मिलेगा.

रिकॉर्ड हाई से डिस्काउंट पर शेयर

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने पिछले साल 16 सितंबर को 2369 रुपये का स्तर टच किया था जो आलटाइम हाई है. जियो में लगातार निवेश आने से शेयरों को अच्छा सपोर्ट मिला था. हालांकि उसके बाद रिकॉर्ड हाई से शेयर में दबाव दिखा. बीते 6 महीनों में शेयर करीब 300 रुपये डिस्काउंट के साथ अभी 2074 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.

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2600 रुपये तक जा सकता है शेयर

ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए शेयर के लिए लक्ष्य 2600 रुपये तय कर दिया है. ब्रोकरेज हाउस के अनुसार वित्त वर्ष 2021 से 2023 के दौरान आरआईएल के टेलिकॉम आर्म जियो में 25 फीसदी की ग्रोथ संभव है. वहीं रिलायंस के रिटेल कारोबार में 43 फीसदी ग्रोथ इस दौरान दिख सकती ​है. जबकि B2C कारोबार का EBITDA में 49 फीसदी हिस्सा हो सकता है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की बैलेंसशीट मजबूत है, वहीं ऑयल-टू-केमिकल (O2C) में हिस्सा बिक्री भी बड़ा ट्रिगर साबित हो सकता है.

बता दें कि हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑयल-टू-केमिकल कारोबार के डीमर्जर प्लान की रूपरेखा पेश की थी. रिलायंस इंडस्ट्रीज का ऑयल-टू-केमिकल बिजनेस के लिए एक अलग कंपनी बनाने का प्लान है. कंपनी को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक उसके ऑयल-टू-केमिकल कारोबार को एक अलग यूनिट में पहुंचाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल जाएगी. इसमें पेट्रो केमिकल, गैस, फ्यूल रिटेलिंग जैसे कारोबार शामिल होंगे. साथ ही डीमर्जर से सउदी अरामको जैसे निवेशकों को लाने में मदद मिलेगी. कंपनी ने कहा डीमर्जर से O2C कारोबार में नए मौके तलाशने में मदद मिलेगी. इस नई सब्सिडियरी का 100 फीसदी कंट्रोल कंपनी के पास ही होगा.

कैसे रहे थे आरआईएल के तिमाही नतीजे

आरआईएल का रेवेन्‍यू मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में गिरकर 1.28 लाख करोड़ पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 1.57 लाख करोड़ पर था. रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल कारोबार का रेवेन्यू गिरकर 83,838 करोड़ रुपये रहा है. रिलायंस इंडस्‍ट्रीज का तीसरी तिमाही में कंसो और स्‍टैंडअलोन EBITDA सालाना आधार पर 5 फीसदी और 33 फीसदी कमजोर हुआ है.

जियो का EBITDA में उम्‍मीद के अनुरूप सालाना आधार पर 45 फीसदी ग्रोथ रही है. जियो का रेवेन्‍यू ग्रोथ तिमाही आधार पर 6 फीसदी ही ज्‍यादा रहा है. रिलायंस जियो के एआरपीयू में 4 फीसदी ही ग्रोथ रही जो उम्‍मीद से कमजोर है. रिटेल बिजनेस का रेवेन्‍यू 9 फीसदी कमजोर हुआ है.

(नोट: हमने यहां निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)

Reliance Jio Ril Mukesh Ambani