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रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने शेयर बाजार को बताया है कि 30 अप्रैल को होने वाली बोर्ड की बैठक में राइट्स इश्यू लाए जाने पर विचार किया जाएगा.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने शेयर बाजार को बताया है कि 30 अप्रैल को होने वाली बोर्ड की बैठक में राइट्स इश्यू लाए जाने पर विचार किया जाएगा. अगर बोर्ड ने मंजूर किया तो मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स के आधार पर इक्विटी शेयर जारी किया जाएगा. 29 साल में पहली बार ऐसा होगा कि कंपनी सार्वजनिक रूप से धन जुटाएगी. एक्सपर्ट का कहना है कि कंपनी को अपने इस कदम से जहां जीरो डेट की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी, वहीं निवेशकों के लिए भी यह अच्छा मौका होगा. हालांकि इस बात की सूचना नहीं दी गई है कि राइट्स इश्यू के जरिए कितना पैसा जुटाया जाएगा.
कर्ज खत्म करने में मिलेगी मदद
बता दें कि आरआईएल पर दिसंबर 2019 तक करीब 3 लाख करोड़ का कर्ज है. यह मार्च 2029 में 2.87 लाख करोड़ था. वहीं कंपनी पर दिसंबर 2019 तक नेट डेट करीब 1.53 लाख करोड़ के करीब है. पिछले साल मुकेश अंबानी ने अगस्त में आरआईएल के एजीएम में 18 महीनों के अंदर कंपनी को कर्जमुक्त करने की बात कही थी. इसके लिए कंपनी लगातार कोशिशों में लगी है. सउदी अरामको के अलावा हाल ही में फेसबुक से डील की गई है. पिछले दिनों एनसीडी के जरिए 25 हजार करोड़ जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. अब कंपनी राइट इश्यू के जरिए पैसा जुटाने पर विचार करने जा रही है.
निवेशकों के लिए भी अच्छा मौका
प्रभुदास लीलाधर के CEO PMS, अजय बोडके का कहना है कि आरआईएल का यह कदम मिड टर्म से लांग टर्म के लिए विभिन्न व्यवसायों की संभावनाओं के लिए प्रमोटर्स के विश्वास को दर्शाता है. धीरूभाई अंबानी की ही तरह मुकेश अंबानी ने भी हमेशा अल्पसंख्यक शेयरधारकों के लिए जबरदस्त भरोसा कायम करने की कोशिश की है और उनके प्रति वैल्यू बनाने में विश्वास किया है. उनका कहना है कि निवेशकों को राइट इश्यू में भाग लेना चाहिए. कंपनी का मौजूदा डिजिटल, टेलिकॉम और रिटेल बिजनेस तेजी से ग्रोथ कर रहा है और आने वाले दिनों में और बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है. ऐसे में राइट्स इश्यू में हिस्सा लेकर शेयरणारक ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं.
कंपनियां क्यों लाती हैं राइट्स इश्यू
स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी पैसा जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती है. कई बार कंपनी कारोबार के विस्तार या किसी दूसरी कंपनी के अधिग्रहण के लिए पैसा जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती है. कुछ कंपनियां कर्ज के बोझ को कम करने के लिए भी राइट्स इश्यू का सहारा लेती हैं. राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है. राइट्स इश्यू के तहत शेयरधारक निश्चित अनुपात में ही अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं. राइट्स इश्यू के लिए तय अवधि में ही वह निवेशकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है.
डिस्काउंट पर मिलता है शेयर
राइट्स इश्यू में कंपनी शेयरधारकों को कीमत में डिस्काउंट देती है. इसका मतलब है कि अगर किसी कंपनी के शेयर की कीमत स्टॉक एक्सचेंज में 100 रुपये है और कंपनी राइट्स इश्यू में 10 फीसदी डिस्काउंट देती है तो कंपनी के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए आपको प्रति शेयर 90 रुपये चुकाने होंगे.