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भारतीय करेंसी यानी रुपये के लिए बीता सप्ताह उथल-पुथल भरा रहा.
भारतीय करेंसी यानी रुपये के लिए बीता सप्ताह उथल-पुथल भरा रहा. डॉलर के मुकाबले 79.10 रुपये तक मज़बूत होने के बाद, घरेलू शेयर बाज़ार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली के कारण इसमें गिरावट दर्ज की गई. लेकिन क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज करेक्शन ने इसे कुछ संभाला. अगले हफ़्ते भारतीय करेंसी में और गिरावट हो सकती है और एक डॉलर का भाव 80.20 रुपये के स्तर तक जा सकता है. मजबूत अमेरिकी डॉलर इंडेक्स और घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी के बीच सोमवार को रुपया कमजोर हो सकता है. इसके अलावा, आने वाले सप्ताह में यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की उम्मीदों से रुपये पर दबाव पड़ सकता है.
डॉलर का भाव 79.80 से 80 के बीच ट्रेड करने का आसार
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मजबूत अमेरिकी डॉलर के बीच इस सप्ताह रुपये में नकारात्मक रुझान रहेगा. डॉलर इंडेक्स पिछले हफ्ते 1 परसेंट बढ़ा है, लेकिन यह 20 साल के हाई से कम रहा. अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस अगस्त में उम्मीद से ज्यादा बढ़ी है, जिसके कारण डॉलर इंडेक्स 1 परसेंट बढ़ा लेकिन यह 20 साल के हाई से कम रहा. अगले सप्ताह, अमेरिकी डॉलर का भाव 79.80 से 80 के बीच में ट्रेड करने का आसार है.
रुपये में गिरावट की आंशका क्यों?
अमेरिका में महंगाई के चलते फेडरल रिजर्व ब्याज दर बढ़ाने को लेकर आक्रामक रूख अपना सकता है. एस फेड द्वारा ब्याज दर में न्यूनतम 75 आधार अंकों की वृद्धि की उम्मीद है. इसके अलावा, दो साल के ट्रेजरी बिल्स का रिटर्न 15 साल के हाई पर पहुंच गया है, जिसके चलते डॉलर में और तेजी आने की उम्मीद है. अमेरिका में खुदरा बिक्री जुलाई से अगस्त में 0.3% बढ़ी है. इससे भी आने वाले हफ्ते में रुपये में और गिरावट होने का अनुमान है. आशंका जताई जा रही है कि आने वाले सप्ताह में डॉलर 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले सप्ताह में रुपये पर गिरावट का दबाव बना रहेगा. इस दौरान, अमेरिका की घरेलु बिक्री, सर्विस सेक्टर के आंकड़ों पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी.
(By Raj Deepak Singh)