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रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. (Image- Pixabay)
Legal Crypto: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को लेकर चर्चाएं हो रही हैं और कुछ देशों में तो इसे अवैध घोषित किया गया है जबकि कुछ देशों में इसे मान्यता दी गई है. ताजा कड़ी में अब रूस ने भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बजाय इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. रूस की स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मंगलवार की रात इसे रेगुलेट करने की जानकारी दिखी. पहले रूस का केंद्रीय बैंक BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध के पक्ष में था लेकिन उसने भी अब सहमति दे दी है.
रूस सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक बिटक्वाइन माइनिंग के मामले में रूस दुनिया में तीसरे स्थान पर है तो ऐसे में लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों ने चिंता जाहिर की थी कि क्रिप्टो से जुड़े अपराधों पर पर्याप्त कार्रवाई संभव नहीं है. बता दें कि दुनिया में सबसे पहले अल-सल्वाडोर ने बिटक्वाइन को मंजूरी दी थी और इसके बाद ब्राजील में भी इसे लीगल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
6 लाख रूबल तक की क्रिप्टो का कर सकेंगे लेन-देन
मंगलवार को जारी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक रूस में सिर्फ स्थानीय रजिस्टर्ड और लाइसेंसी कंपनियों के जरिए ही रूस के लोग क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकेंगे ताकी यूजर्स की पहचान सुनिश्चित की जा सके और सरकारी एजेंसियों के पास उनके ट्रांजैक्शन की पूरी रहे. हालांकि इसमें माइनिंग को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. रूस सरकार के डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए स्थानीय मीडिया ने जानकारी दी है कि सिर्फ 6 लाख रूबल्स (6.02 लाख रुपये) तक के ही क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को मंजूरी मिलेगी. इससे ऊपर के ट्रांजैक्शन की जानकारी फेडरल टैक्सेशन सर्विस को देनी होगी और अगर नहीं देते हैं तो इसे अपराध माना जाएगा.न्यूजपेपर Kommersant के मुताबिक इससे जुड़े नए कानूनों व निर्देशों को इस साल 2022 की दूसरी छमाही या अगले साल की शुरुआत में लागू किया जा सकता है.
रशियन्स के पास दुनिया की 121 फीसदी क्रिप्टो
ब्लूमबर्ग ने एक फरवरी को रूस सरकार के आधिकारिक डेटा के हवाले से जानकारी दी थी कि रूस के लोगों के पास 16.5 लाख करोड़ रूबल (16.54 लाख करोड़ रुपये) की क्रिप्टोकरेंसीज हैं. यह दुनिया भर में कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स का 12 फीसदी है यानी कि दुनिया भर में क्रिप्टो में जितना निवेश है, उसमें 12 फीसदी रूस के लोगों का है. यह आकलन जनवरी में बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज यूजर्स के आईपी एड्रेस और अन्य जानकारी के आधार पर किया गया है. इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से यह भी खुलासा हुआ है कि करीब 12 फीसदी रूसी नागरिक के पास क्रिप्टोकरेंसीज हैं जिसमें से 60 फीसदी 25-44 वर्ष के हैं.
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भारत में क्या है स्थिति?
भारत की बात करें तो अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट ट्रांसफर पर 30 फीसदी का टैक्स लगाने का ऐलान किया गया. इससे बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज को वैध माने जाने की बातें होनी लगीं तो सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि अभी इसे लीगल नहीं घोषित किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टो सहित VDA से होने वाली इनकम पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि उन्हें कानूनी मान्यता मिल गई है. इस पर पूरी तरह से स्पष्टता तब होगी, जब डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने वाला बिल लाया जाएगा. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के मुताबिक इसे रेगुलेट करने के लिए सरकार को जल्द बिल लेकर आना चाहिए. उन्होंने सभी क्रिप्टो निवेशकों से मुनाफे पर टैक्स भरने को कहा है.