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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसी स्थिति के चलते न सिर्फ वैश्विक राजनीति पर असर दिख रहा है बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं. (Image- Reuters)
Russia-Ukraine Conflict Impact on India: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनती दिख रही है. इसके चलते न सिर्फ वैश्विक राजनीति पर असर दिख रहा है बल्कि आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं. दुनिया भर के शेयर बाजार को झटके लग रहे हैं. क्रूड ऑयल के भाव 100 डॉलर (7462.65 रुपये) के करीब पहुंच रहे हैं जिसका असर दुनिया भर में तेल की कीमतों पर दिख रहा है. भारत की बात करें तो रूस और यूक्रेन दोनों देशों से कारोबारी संबंध हैं और देश का करीब डेढ़ फीसदी कारोबार इनके साथ होता है. भारत रूस से करीब 60-70 फीसदी डिफेंस इक्विपमेंट की खरीदारी करता है लेकिन दोनों देशों के बीच का कारोबार सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि आम लोगों की जीवन से जुड़ी चीजों का भी कारोबार होता है जो मौजूदा संकट के समय प्रभावित हो सकता है.
ये चीजें हो सकती हैं महंगी
- रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के चलते कोयला महंगा हो सकता है. इससे बिजली की लागत भी बढ़ेगी. बता दें कि भारत दुनिया में कोयले का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, जबकि रूस कोयले का बड़ा निर्यातक है.
- रूस दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं एक्सपोर्ट करता है और यूक्रेन भी काफी गेहूं निर्यात करता है. मौजूदा तनाव का असर गेहूं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर पड़ सकता है, जिसका कुछ न कुछ दबाव घरेलू बाजार पर भी पड़ सकता है.
- रूस और यूक्रेन दोनों देशों से भारत खाद और मेटल्स का इंपोर्ट करता है जिसके भाव में उछाल दिख सकता है.
- भारत रूस से सीधे-सीधे तो ज्यादा तेल इंपोर्ट नहीं करता, लेकिन रूस दुनिया में क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है. यही वजह है कि रूस-यूक्रेन के संकट का असर तेल के भाव पर अभी से दिखने लगा है. क्रूड ऑयल अभी ही 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच चुका है. जबकि भारत में पेट्रोल-डीजल के भाव अभी 82-83 डॉलर (6128.36- 6203.10 रुपये) प्रति बैरल के हिसाब से हैं. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते पिछले करीब 111 दिनों से देश में पेट्रोल-डीजल के भाव स्थिर हैं, लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद महंगे क्रूड की कड़ी मार लोगों पर पड़ सकती है.
सामानों की महंगाई के अलावा कारोबारियों के भी हित प्रभावित
- भारत रूस से कोयला, खाद, मिनरल फ्यूल्स, ज्वैलरी, मेटल्स इत्यादि का इंपोर्ट करता है और यूक्रेन से भी बड़ी मात्रा में खाद, रसायन, कोयले इत्यादि का आयात करता है. अब मौजूदा तनाव का असर इंपोर्ट पर पड़ने से कीमतें बढ़ने के आसार दिख रहे हैं.
- रूस और यूक्रेन को भारत इलेक्ट्रिक सामानों, दवाओं वगैरह का एक्सपोर्ट करता है. ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे माहौल से भारतीय कारोबारियों के भी हित प्रभावित होंगे. कॉमर्स मिनिस्ट्री की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक भारत और रूस के बीच वित्त वर्ष 2021-22 के शुरूआती नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर 2021) में 7,013,235.93 लाख रुपये और यूक्रेन से 1,747,197.74 लाख रुपये का कारोबार हुआ.
यूक्रेन के दो इलाकों को अलग देश बनाए जाने पर और बढ़ा विवाद
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे अरसे से जारी तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन में बागियों के असर वाले दो इलाकों Donetsk और Luhansk को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने और इन इलाकों में अपनी फौज तैनात करने का एलान करके संकट को और बढ़ा दिया है. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी समेत कई देशों ने रूस की कार्रवाई का विरोध करते हुए उस पर आर्थिक पाबंदियां लगाने का एलान किया है. लेकिन इसके बाद भी पुतिन के रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई दे रही है, जिसके चलते रूस और यूक्रेन के बीच खुली जंग छिड़ जाने की आशंका बढ़ती जा रही है.